लखनऊ। बिजली, किसानों की समस्याओं, कानून व्यवस्था समेत तमाम मोर्चो पर प्रदेश सरकार की विफलता के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के दोनों सदनों के विधायकों ने आज विधानभवन के सामने दो दिवसीय धरने की शुरुआत की। धरना 30 सिंतबर शाम तक चलेगा। धरने में विधानसभा के 42 विधायकों में 31 तथा विधान परिषद के सात सदस्यों में दो सदस्य धरने में उपस्थित रहे। धरने को संबोधित करते हुये भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि, प्रदेश सरकार सभी मोर्चाे पर विफल हो गयी है। राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। शासन तंत्र असफल हो गया है। राज्य में गोवंश की हत्या जारी है। किसान परेशान है। नौजवानों को धोखा दिया गया है। बजट का धन नियमानुसार नहीं खर्च किया जा रहा है। भष्ट्राचार चरम पर है। विधानमण्डल के इस धरने पर सरकार नहीं चेती तो आगे भी संघर्ष जारी रहेगा। भाजपा विधानमण्डल दल के नेता सुरेश खन्ना ने अपने संबोधन में कहा कि, प्रदेश में पुलिस भी पिट रही है। बिजली को लेकर हाहाकार मचा है। बिजली मूल्यों में बढ़ौतरी बर्दाशत नहीं होगी। सुरेश खन्ना ने अवैध खनन पर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने चीनी मिले समय पर चलाये जाने की मांग की। जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने में ढिलाई का आरोप लगाया और कहा कि मानक अनुसार अन्य जिलों को भी सूखाग्रस्त घोषित किया जाये। नेता विधान परिषद हृदयनारायण दीक्षित ने कहा सरकार से राजधानी भी नहीं संभलती। पूरे राज्य में अराजकता है। विद्युत आपूर्ति को लेकर सरकार अपनी जिम्मेदारी केन्द्र पर डाल रही है। सरकार अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन नहीं कर रही है। बाढ़ पीड़ित, सूखा पीड़ित जिलों में कोई काम शुरू नहीं हुआ है।