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केंद्र सरकार ने राज्यसभा में लंबित रजिस्ट्रेशन अधिनियम में संशोधन के लिए लाए जा रहे विधेयक में आधार को अनिवार्य करना शामिल किया है। यह सिफारिश संसद की स्थाई समिति ने की थी, जिस पर विचार के लिए मंत्रियों की समिति का गठन किया गया था।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, मंत्रियों की समिति ने इस पर अपनी सहमति देते हुए आधार सत्यापन को अनिवार्य बनाने को कहा था। इसके बाद विधेयक का संशोधित प्रारूप तैयार कर कानून मंत्रालय को भेजा गया जिसे हरी झंडी मिल चुकी है। अब विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
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पॉवर ऑफ अटार्नी की भी देनी होगी जानकारी
कानूनी हकदार नहीं होने की स्थिति में उस संपत्ति पर कोई कब्जा कर लेता है और फिर फर्जीवाड़े से अपना बना लेता है। ऐसे फर्जीवाड़ों को भी जांच एजेंसियां आसानी से पकड़ लेंगी और जमीन सरकार की हो जाएगी।
नहीं कर पाएंगे संपत्ति की अदलाबदली
एक व्यक्ति वसीयत, अनुबंध, पॉवर ऑफ अटार्नी, उपहार, हस्तांतरण या अदला-बदली में अपने स्वामित्व वाली जमीन दूसरे व्यक्ति के नाम करता है तो आधार से पता चल जाएगा। इससे अदला-बदली से सौदा छिपाना मुश्किल होगा।