नैनीताल: उत्तराखंड के तराई एवं बीज विकास निगम (टीडीसी) में 16 करोड़ रुपये के बहुचर्चित गेहूं घोटाले की जांच विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) करेगी। राज्य सरकार ने उधमसिंहनगर के सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) देवेंन्द्र पींचा की अगुवाई में एक विशेष जांच टीम का गठन किया है। जांच टीम जल्द अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। इस घोटाले में 10 लोगों के खिलाफ पंतनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज है। टीडीसी में 2015-16 में गेहूं घोटाला प्रकाश में आया था। गेहूं बीज विक्रय में निगम को 16 करोड़ का घाटा हुआ था। सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पिछले वर्ष 29 जुलाई को अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी का गठन कर जांच करने को कहा था। जांच टीम ने 28 जून को शासन को रिपोर्ट सौंप दी।
जांच रिपोर्ट के आधार पर निगम के द्वारा 10 आरोपियों के खिलाफ पंतनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी गयी। पंतनगर पुलिस द्वारा भी अपने स्तर पर जांच कर कार्यवाही की जा रही थी लेकिन सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच एसआईटी से कराने का निर्णय लिया। टीडीसी के जिन दस लोगों के खिलाफ पहले से है मामला दर्ज है, उनमें से एक लेखाधिकारी अतुल पांडेय की मौत हो गयी है। जबकि दो लोग प्रशासनिक अधिकारी शिव मंगल त्रिपाठी एवं उप मुख्य विपणन अधिकारी ए.के। लोहनी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। अन्य आरोपी पी.एस। बिष्ट पूर्व प्रबंध निदेशक, आर.के। निगम कंपनी सचिव, जी.सी। तिवारी लेखाकार, बी.डी। तिवारी उपमुख्य वित्तीय अधिकारी, अजीत सिंह उपमुख्य विपणन अधिकारी, दीपक पांडे मुख्य बीज उत्पादन अधिकारी, पी.के। चौहान मुख्य अभियंता (निलंबित) हैं।