देवी देवताओं में कौन है श्रेष्ठ
जी हां भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को सभी देवों में सर्वप्रथम पूजे जाने वाले भगवान गणेश का जन्म हुआ था। जिससे इस गणेश चतुर्थी पर पूरे देश में गणेशोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले भगवान गणेशजी की पूजा अर्चना करना अनिवार्य है। वहीं शास्त्रों में गणेश जी के सर्वप्रथम पूजे जाने का कारण भी बताया गया है। शिवपुराण के मुताबिक एक बार सभी देवी देवताओं में इस बात पर विचार विमर्श होने लगा कि उन सबमें कौन सर्वश्रेष्ठ है। सभी देवी देवता अपने आपको बड़ा और श्रेष्ठ बताने लगे। इस पर बहस तेज होने लगी। ऐसे में सभी देवी देवता भगवान शिव जी के पास इस विषय को लेकर कैलाश पहुंचे।
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सर्वप्रथम पूजे जाने का आशीर्वाद
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भगवान शिव ने सबकी बात ध्यान से सुनने के बाद बोले कि जो भी पहले पृथ्वी की तीन बार परिक्रमा पूरी कर सबसे पहले कैलाश लौटेगा वही सबसे बड़ा होगा। इसके बाद सभी देवता एक साथ परिक्रमा के लिए चले गए। इस दौरान गणेश जी ने अपनी बुद्धिमता का परिचय देते हुए अपने माता पिता की तीन बार परिक्रमा पूरी कर ली। इसके बाद शिव जी ने प्रसन्न होकर गणेश जी को हमेशा सर्वप्रथम पूजे जाने का आशीर्वाद दे दिया। शिव जी ने कहा जिस किसी कार्य में सबसे पहले गणेश जी की पूजा होगी उसमें कभी किसी प्रकार की बाधा नहीं आएगी। वह कार्य सफल होगा। इसीलिए गणेध हो विध्नहर्ता नाम से भी पुकारा जाता है।