विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी 11 दिनों तक पृथ्वी पर अपने भक्तों के बीच रहने के बाद आज यानि अनंत चतुर्दशी के दिन वापस कैलाश पर्वत चले जाएंगे। 25 अगस्त से गणेश चतुर्थी के दिन से शुरू हुआ गणेश उत्सव 5 सितंबर को समाप्त हो रहा है। इस बार पंचक लगने पर गणेश विसर्जन हो रहा है। गणेश विसर्जन पर शुभ मुहूर्त में पूजा पाठ करना विशेष फलदायी होता है। इस बार गणेश विसर्जन के समय पंचक शुरू हो रहा है। सोमवार को 11 बजकर 55 मिनट से पंचक आरम्भ हुआ है। शास्त्रो के अनुसार,पंचक में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है, लेकिन भगवान गणेश स्वयं विघ्नहर्ता है इसलिए इसका कोई दोष नहीं होगा।विसर्जन के पीछे पुराणों में कारण बताया गया है कि एक बार महर्षि वेदव्यास ने गणेश चतुर्थी के दिन से भगवान गणेश को महाभारत की कथा सुनाई थी। लगातार दस दिनों तक वेदव्यास आंखे बंद कर भगवान गणेश को कथा सुनाते रहें और गणेशजी उसे बिना रुके लिखते रहें।दस दिनों के बाद जब कथा पूरी हुई तो वेदव्यास ने आंखे खोली तो देखा कि लगातार लिखने के कारण गणेशजी के शरीर का तापमान तेज हो गया था तब गणेशजी के तापमान को कम करने के लिए वेदव्यास ने तालाब में गणेश जी को स्नान कराया, तब से इसी दिन से गणेश प्रतिमा का विसर्जन करने की परंपरा शुरू होने लगी।