अब पेट्रोल-डीजल सस्ता करने के लिए राज्यों को चिठ्ठी लिखेगी केंद्र सरकार
वित्त मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, इस फैसले से सरकार को करीब 26,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना होगा। चूंकि यह चार अक्तूबर से लागू हो रहा है, इसलिए सरकार को 13,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने की संभावना है।
गौरतलब है कि सरकार ने बहुत दिनों के बाद एक्साइज ड्यूटी कम की है, जिसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही पेट्रोल व डीजल की कीमत भी कम हो सकती है। सरकार के इस फैसले से आम जनता के साथ-साथ तेल कंपनियों को भी राहत पहुंचेगी।
ये बनी कटौती की बड़ी वजह
केंद्र सरकार के तमाम प्रयासों और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के आश्वासन के बावजूद पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे थे। रुपये के मुकाबले डॉलर लगातार मजबूत होता जा रहा है। इसके साथ इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम भी बढ़ते जा रहे हैं। अमेरिका में तूफान इरमा के चलते कच्चे तेल का प्रॉडक्शन बंद है, जिससे कीमतों में इजाफा हुआ है। इसका असर पूरे विश्व में देखने को मिल रहा था।