भौतिक विकास के साथ मानसिक दृष्टिकोण भी बदले : सोलंकी
भिवानी : हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा है कि एक भारत, भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए पंचायती राज संस्थाएं भौतिक विकास के साथ-साथ ग्रामीण परिवेश का मानसिक दृष्टिकोण भी विस्तृत करने की ओर ध्यान दें। तभी हम गौरवशाली हरियाणा को देश का सर्वष्ठ अंग बना सकते हैं। प्रो. सोलंकी ने आहवान किया कि हिंसा, अस्पृश्यता, जातिवाद, संप्रदायवाद, अस्वच्छता, निरक्षरता, असमान लिंगानुपात इत्यादि बुराइयों से ग्रामीण समाज को मुक्त करके हम सभी एक सुंदर ग्रामीण भारत के निर्माण में अपना सहयोग दें। स्थानीय भीम खेल परिसर में हरियाणा स्वर्ण जयंती समारोह के तीसरे एवं अंतिम दिन मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित प्रदेश के राज्यपाल सभी जिलों से आए पंच, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य एवं जिला पार्षदों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि आज हरियाणा की सभी पंचायतें शिक्षित हैं और आधुनिक सुविधाओं से संपन्नता की ओर अग्रसर हैं।
सरकार बिजली, सड़क, पेयजल जैसी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के अतिरिक्त गांव-गांव में इंटरनेट सेवाएं मुहैया करवाने जा रही हैं। प्रदेश का प्रत्येक गांव स्मार्ट गांव बनेगा तो हरियाणा की गिनती देश के 29 राज्यों में सबसे अगली पंक्ति में होगी। प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने गांव के विकास के लिए अमूल्य सूत्र दिया था। उनका मानना था कि गांव में बसने वाले प्रत्येक व्यक्ति की यह सोच होनी चाहिए कि यह गांव मेरा है, यह देश मेरा है। उन्होंने कहा कि गांव में भौतिक विकास होना तो आसान है, किंतु जब तक गांव में बसने वाले लोगों का चिंतन व्यापक दृष्टिकोण वाला नहीं होगा, तब तक उसे संपूर्ण विकास नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि हरियाणा अब स्वच्छता तथा कैरोसिन मुक्त होने के मामले में नम्बर एक पर है। उज्जवला योजना के तहत राज्य में तीन लाख गैस कनेक्शन दिए गए हैं। इसी प्रकार बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान शुरू किए जाने के बाद प्रदेश में लिगांनुपात की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ हैं। हमारा लक्ष्य है कि वर्ष 2019 तक एक हजार लड़कों के अनुपात में कम से कम 950 लड़कियां हों।