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दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए पुरानी पटरियों को बदलेगा रेलवे

पटरियों के टूटने से होने वाली रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेल मंत्रालय अगले छह महीने में 6 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रहा है। इसमें रेलवे पटरियों के अलावा उनके बोल्ट और क्लिप को पूरी तरह से बदला जाएगा। पहले उन पटरियों को बदला जाएगा, जो बहुत ही पुरानी हो गई हैं और जिनका बदलना जरूरी है। 
बिजी रूट पर बदली जाएगी पटरियां
रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा दिए गए आदेश के बाद सबसे पहले उन पटरियों को बदला जाएगा, जो बिजी रूट पर हैं। इस वित्त वर्ष में 3600 किलोमीटर के ट्रैक को बदला जाएगा। इससे पहले रेलवे प्रति वर्ष 2000 किलोमीटर का ट्रैक बदलता था। 

ग्लोबल कंपनियों से मंगाई गई बिड
रेल मंत्रालय ने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के अलावा ग्लोबल कंपनियों से भी बिड मंगाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। सेल अभी तक रेलवे की 85 फीसदी पटरियों की डिमांड को पूरा करता है। 

जोनल मैनेजर को दिए गए आदेश
रेल मंत्रालय ने देश भर के सभी जोनल मैनेजर को आदेश दिया है कि पटरियों को बदलने के लिए जब भी जरूरी हो, तो तत्काल ब्लॉक दिया जाए। अभी तक प्रत्येक रेलवे जोन में केवल 50 फीसदी ब्लॉक इस तरह के कार्य के लिए दिया जाता है। अब पिछले महीने से इसमें 65 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है। 

पुरानी पटरियों से हर साल हो रहे थे 115 हादसे
पिछले तीन साल से लगातार 115 से ज्यादा हादसे पुरानी पटरियों के कारण हो रहे थे। गोयल ने रेलवे बोर्ड को आदेश दिया है कि वो इसके लिए ट्रेनों का नया टाइम टेबल जारी करे, ताकि ट्रैक और सिग्नल का आसानी से मेंटिनेंस किया जा सके।

देश के व्यस्तम रूटों में शुमार दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई के लिए भी विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, क्योंकि इन पर हर 10 मिनट में एक ट्रेन गुजरती है, जिससे इंजिनियर्स को पटरियों का रखरखाव करने के लिए ज्यादा समय नहीं मिल पाता है। 

 

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