देहरादून: नरेंद्रनगर, टिहरी गढ़वाल स्थित जिला खेल कार्यालय में अनियमितताएं पाए जाने पर खेल निदेशक ने जिला क्रीड़ाधिकारी कृष्ण कुमार के निलंबन के आदेश जारी कर दिए हैं। खेलमंत्री अरविंद पांडेय के नरेंद्र नगर स्थित खेल कार्यालय के औचक निरीक्षण के दौरान कार्यालय में कोई भी कर्मचारी उपस्थित नहीं मिला, जिससे गुस्साए मंत्री ने खेल सचिव और खेल निदेशक को इस मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए थे। संयुक्त निदेशक खेल प्रशांत आर्य ने निलंबन की पुष्टि की है।
22 दिसंबर को खेलमंत्री अरविंद पांडेय ने नरेंद्र नगर, टिहरी गढ़वाल स्थित जिला खेल कार्यालय का औचक निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान न तो कार्यालय में खेल अधिकारी मौजूद थे न ही कोई मिनिस्टीरियल कर्मचारी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी। संविदा खेल प्रशिक्षक भी मौके से नदारद मिले। मंत्री ने जब हॉस्टल की मेस का निरीक्षण किया था तो हर तरफ गंदगी फैली हुई थी। मेस की दुर्गति देखने के बाद मंत्री ने हॉस्टल के खिलाड़ियों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि उन्हें बेहद घटिया क्वालिटी का खाना दिया जाता है और कोचिंग भी नहीं मिलती है।
गुस्साए मंत्री ने मौके से ही खेल सचिव को नरेंद्र नगर स्थित खेल कार्यालय का निरीक्षण करने और कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। खेल सचिव भूपिंदर कौर औलख और खेल निदेशक विम्मी सचदेवा रमन को कार्यालय के निरीक्षण के दौरान तमाम अनियमितताएं मिलीं, जिसके बाद खेल अधिकारी कृष्ण कुमार को निलंबित के ऑर्डर जारी कर दिए गए।
पूर्व में भी विवादों में रहे हैं कृष्ण कुमार
जिला क्रीड़ाधिकारी कृष्ण कुमार इससे पहले भी विवादों में घिर चुके हैं। पिछले साल 13 मई को हरिद्वार में जिला क्रीड़ाधिकारी के पद पर रहते हुए कृष्ण कुमार पर स्थानीय हॉकी प्रशिक्षु बालिकाओं ने गंभीर आरोप लगाए थे। ओलंपियन वंदना कटारिया ने आरोप लगाया था कि क्रीड़ाधिकारी अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हैं और हॉकी प्रशिक्षुओं के साथ अश्लील हरकतें भी करते हैं।
आरोप के बाद कृष्ण कुमार को उस दौरान निलंबन झेलने के साथ ही एक महीने के लिए जेल भी जाना पड़ा था। लेकिन उसके बाद भी खेल विभाग के उच्चाधिकारियों ने कृष्ण कुमार को जेल से छूटने के बाद हरिद्वार से नरेंद्र नगर का खेल अधिकारी बनाकर भेज दिया।