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‘रेडी रेकनर दर घटाएं, जीएसटी का बोझ खत्म करें’

मुंबईकरों के घर खरीदने के सपने को जीएसटी ने चकनाचूर कर दिया है। उस पर रेडी रेकनर की दरों ने पसीने छुड़ा दिए हैं। मांग उठने लगी है कि जीएटसी का भूत मुंबईकरों के सिर से उतारा जाए और रेडी रेकनर की दरें कम की जाएं ताकि लोग अपने सपनों का घर खरीद सके।'रेडी रेकनर दर घटाएं, जीएसटी का बोझ खत्म करें'

 
इस संबंध में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री व इस संबंध में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता विधायक नसीम खान ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार और राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील को पत्र लिखा है। खान का कहना है कि मुंबई में घर का सपना जीएसटी के बोझ तले दब गया है। यह सरकार नए वित्तीय वर्ष 2018-19 में रेडी रेकनर दर में वृद्धि करने की कोशिश कर रही है जिसके बारे में मुंबई जिले में एक बैठक हो चुकी है और सोमवार को उपनगर जिले में बैठक है। रेडी रेकरन दर में किसी भी बढ़ोतरी का कांग्रेस विरोध करती है। हमने तो रेडी रेकनर का दर कम करने के लिए सरकार को पत्र लिखा है। 
दरअसल, मुंबई में 4-5 साल बाद वास्तविक बाजार मूल्य की तुलना में रेडी रेकनर दर में उच्चतम वृद्धि हुई है, जो परोक्ष रूप से मुंबई के नागरिकों को प्रभावित कर रहा है। रेडी रेडनर दर बढ़ाने से आयकर, संपत्ति कर, बीएमसी के विभिन्न कर बढ़ जाते हैं। सोसायटी के रख रखाव व मरम्म्त कार्य पर भी 5 प्रतिशत जीएसटी है जिसे हटाने की मांग कांग्रेस नेता ने की है। 
हालिया सर्वेक्षण में पता चला है कि मुंबई शहर के लोअर परेल, नरीमन पॉइंट और उपनगर के मुलुंड, कुर्ला, चांदिवली, विक्रोली, देवनार आदि क्षेत्रों में वास्तविक रेडी रेकनर दर वास्तविक बाजार मूल्य की तुलना में 20 से 25 प्रतिशत अधिक है। इस समय लोग 12 प्रतिशत जीएसटी, 5 प्रतिशत स्टैंप ड्यूटी का भुगतान करते हैं। इसके अलावा 30,000 रुपये पंजीकरण फीस के रूप में अदा करते हैं। इस बोझ के कारण मुंबई के लोगों में असंतोष है। कांग्रेस नेता खान ने रेडी रेकनर की दर में वृद्धि रोकने की मांग की है, जो बाजार मूल्य से अधिक है। इस प्रकार 12 प्रतिशत जीएसटी को स्थायी रूप से खत्म करने और बाजार मूल्य के अनुसार वर्तमान तैयार रेकनर की दर को कम करने की मांग की गई है। 

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