टॉप न्यूज़फीचर्डराष्ट्रीय

गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति कोविंद का राष्ट्र के नाम पहला संबोधन ‘लोक से ही है लोकतंत्र’

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश को संबोधित किया। बता दें कि राष्ट्रपति कोविंद का यह पहला गणतंत्र दिवस है। जी हां, 2017 में कोंविंद ने राष्ट्रपति का पद संभाला, जिसके बाद यह पहला गणतंत्र दिवस है। आइये जानते हैं कि इस दौरान राष्ट्रपति ने क्या बड़ी बातें कहीं?

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 69वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्र के प्रति सम्मान की भावना के साथ हमारी सम्प्रभुता का उत्सव मनाने का अवसर है। बता इस दौरान राष्ट्रपति कोविंद बहुत ही ज्यादा उत्साहित दिखने के साथ ही संपूर्ण देशवासियों को गणतंत्र की बधाई दिया है। बताते चलें कि इस दौरान राष्ट्रपति ने संविधान निर्माताओं का शुक्रगुजार भी किया।

राष्ट्र के नाम राष्ट्रपति का पहले संबोधन की बड़ी बातें

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी बात को रखते हुए कहा कि जहां बेटियों को, बेटों की तरह शिक्षा, स्वास्थ्य की सुविधाए दी जाती है, यही एक खुशहाल राष्ट्र का निर्माण करतें है। जी  हां, बता दें कि आगे राष्ट्रपति ने आगे कहा कि समाज से अंध-विश्वास और असमानता को मिटाना, ये सभी राष्ट्र-निर्माण की दिशा में योगदान हैं, इससे राष्ट्र एक बेहतर दिशा की तरफ जा रहा है। बताते चलें कि इस दौरान राष्ट्रपति ने देश के तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखी।

संविधान निर्माताओं का शुक्रगुजार करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि हमारे संविधान निर्माता बहुत ही दूरदर्शी थे, उन्होंने जिस कानून या नियम को बनाया था, वो आज भी प्रासंगिक है। आगे राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे संविधान निर्माता ‘कानून का शासन’ और ‘कानून द्वारा शासन’ के महत्त्व और गरिमा को भली-भांति समझते थे, वे हमारे संविधान की गरिमा है। राष्ट्रपति कोविंद ने संविधान निर्माताओं की मेहनत और लगन की भी तारीफ करते हुए कहा कि संविधान निर्माताओं ने एक पल भी आराम नहीं किया था, जिसकी वजह से आज हमें एक बेहतर राष्ट्र में जीने का सौभाग्य मिला है।

 

Related Articles

Back to top button