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अब जड़ से खत्‍म होंगे खालिस्तानी, भारत सरकार बना रही OCI अटैक का प्लान

नई दिल्‍ली : कनाडा समेत कई देशों में सक्रिय खालिस्तानियों की कमर तोड़ने के लिए सरकार एक और कदम उठाने पर विचार कर रही है। इसके तहत गुरपतवंत सिंह पन्नू समेत सभी खालिस्तानियों की ओवरसीज सिटिजनशिप को समाप्त किया जा सकता है। गुरपतवंत सिंह पन्नू की भारत में मौजूद संपत्तियों को सरकार पहले ही जब्त कर चुकी है। अब इन लोगों की भारत में एंट्री पर ही बैन लगाने की तैयारी है। ऐसे लोगों को ओवरसीज सिटिजनशिप दी जाती है, जो किसी दूसरे देश में बस गए हों, लेकिन भारत में ही पैदा हुए हों या फिर यहां के नागरिक रह चुके हों।

ऐसे लोगों के लिए कभी भी स्वदेश आने पर रोक नहीं होती। लेकिन अब सरकार खालिस्तानियों के मामले में इस रियायत को खत्म करने पर विचार कर रही है। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने एजेंसियों से कहा है कि वे खालिस्तानियों की भारत में मौजूद संपत्तियों का पता लगाएं। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में खालिस्तानी आतंकियों से जुड़ी कुछ और संपत्तियों को जब्त किया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया एवं ब्रिटेन में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो खालिस्तान समर्थक हैं या फिर उसके लिए सक्रिय हैं।

इन लोगों पर लगाम कसने के लिए सरकार ओवरसीज सिटिजनशिप ही खत्म करने जा रही है। इस बीच कनाडा के डिफेंस मिनिस्टर बिल ब्लेयर ने भारत को अहम देश बताते हुए कहा है कि हम साझेदारी को आगे बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच चलती रहेगी, लेकिन हम भारत के साथ साझेदारी कायम रखेंगे। बता दें कि कनाडा और भारत के बीच व्यापार, रक्षा समेत कई रिश्ते हैं। खासतौर पर लाखों लोगों की ऐसी संख्या कनाडा में है, जो भारतीय मूल के हैं। सिखों के अलावा बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग भी कनाडा में बसे हैं। ऐसे में इन लोगों का समर्थन हासिल करने के लिए भी कनाडा सरकार के लिए यह जरूरी है कि भारत से रिश्ते न बिगड़ें।

बता दें कि भारत ने हरदीप सिंह निज्जर को 2019 में आतंकी घोषित कर दिया था। वह खुद को प्रतिबंधित संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स का मुखिया बताता था। जून में उसकी कनाडा में एक गुरुद्वारे के बाहर हत्या हो गई थी। इसके चलते दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था। कनाडा ने इस मर्डर में भारतीय एजेंसियों का रोल बताया था, जिसे भारत ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ऐसे आरोप लगाना गलत है। वहीं भारत का कहना है कि कनाडा को अपने यहां सक्रिय खालिस्तानियों पर लगाम कसनी चाहिए, जो वहां बैठकर भारत विरोधी साजिश रच रहे हैं।

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