तो क्या इन विलुप्त होते पशु पक्षियों के लिए मानव की गतिविधियां हैं जिम्मेदार
स्टालर्स सी काउ
अलास्का और कमाडोर द्वीप के पास बेरिंग सागर में पाई जाने वाली इस विशाल शाकाहारी स्तनपायी समुद्री जव का नाम इसे खोजने वाले जार्ज स्टालर्स के नाम पर रखा गया था। व्यस्क होने पर इसकी लंबाई करीब 8 से 9 मीटर हो जाती है और वजन 10 टन तक पहुंच सकता है। विडंबना यही है कि इस विशाल शरीर के चलते ये मासूम जीव अपने आप को समुद्र की गहराई में छुपा नहीं पाता और शिकारियों के लिए इस तक पहुंचना आसान हो जाता है। अपनी तलाश के महज 27 साल बाद ही ये जीव विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुका था।
पैसेंजर पिजन
उत्तरी अमेरिका और उसके आसपास के जंगलों में पाया जाने वाला पैसेंजर या जंगली कबूतर के नाम से मशहूर ये पक्षी 20वी सदी की शुरूआत से ही गायब होने लगा था। ऐसा माना जाता है जब 19वीं सदी के अंत में अन्य यूरोपीय देशों से आये लोगों की भीड़ के कारण जंगलों को काटा गया तभी से इन कबूतरों की संख्या कम होने लगी थी। उसके बाद के सालों में अमेरिका में कबूतर का मांस सस्ता होने के कारण गरीब लोगों का मुख्य भोजन बन गया। इस वजह से भी पैसेंजर पिजन की जनसंख्या में भारी कमी आई। फिल्हाल 1914 के बाद ऐसे कबूतर दिखने क घटना नहीं सुनी गई।
पाइरेनियन आइबेक्स
स्पेनिश आइबेक्स या इबेरियन बकरी की चार उपप्रजाति में से एक पाइरेनियन आइबेक्स पाइरेनियन प्रायद्वीप में पाई जाती है। 60 से 76 मीटर लंबी इस आइबेक्स का वजन करीब 24 से 80 किलो के बीच होता है। किसी जमाने में इनकी तादात 50,000 के करीब आंकी गई थी पर साल 1900 के बाद तेजी से घटते हुए अब इनकी संख्या 100 से भी कम रह गई है। 2000 के बाद अब तक एक भी पाइरेनियन आइबेक्स देखे जाने की बात सामने नहीं आई है हालांकि विशेषज्ञ इनके गायब होने की वजह के बारे में विश्वास से कुछ नहीं कह पाये हैं।
बाइजी व्हाइट डॉल्फिन
ये विशेष डॉल्फिन केवल चीन की यांग्ज़ी नदी में पाई जाती है। इसकी लंबाई लगभग आठ फीट और वजन चौथाई टन का होता है। कहते हैं कि यांग्ज़ी नदी लगभग 20 मिलियन साल से इनका निवास है। विभिन्न भ्रांतियों, जैसे इनकी आंख की पुतलियों से कमजोर आंखों वालों के लिए कारगर दवा बन सकती है, के चलते इनका भारी तादात में शिकार किया जाने लगा। 1950 से इनकी जनसंख्या में तेजी से गिरावट आई। इसके बाद हालांकि इसे आधिकारिक रूप से विलुप्त घोषित नहीं किया गया है पर 2002 के बाद यांग्ज़ी नदी में एक भी बाइजी व्हाइट डॉल्फिन देखे जाने की खबर नहीं आई।
वेस्ट अफ्रीकन ब्लैक राइनोसोर
विलुप्त होने की कगार पर आ चुका ये काले रंग का पश्चिमी अफ्रीकन गैंडा कई देशों में पाया जाता रहा है। इसकी सामान्य लंबाई 3 से 3.8 मीटर तक होती है। एक व्यस्क काले गेंडे का भार 800 से 1300 किलो के बीच होता है। इसके चेहरे पर दो सींग होते हैं। भारी शिकार के चलते इसकी घटती संख्या को देख कर शिकार पर रोक लगाने के बावजूद इसे बचाना मुश्किल होता गया। आखिरी बार कैमरून के जंगल में एक ब्लैक राइनोसोर देखा गया इसके बाद 2011 में इसे विलुप्त घोषित कर दिया गया।