अद्धयात्म

31 जनवरी को साल के पहले चंद्रग्रहण का आप पर कैसा होगा प्रभाव…

31 जनवरी माघ पूर्णिमा के दिन साल 2018 का पहला ग्रहण लगने जा रहा है। ग्रहण का सूतक सूर्योदय के साथ ही लग जाएगा। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह ग्रहण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ग्रहण के समय चन्द्रमा के पृथ्वी से बेहद नजदीक आने के कारण उसका आकार सामान्य से कुछ बड़ा दिखाई देगा तथा ग्रहण के पूर्णग्रास के समय वह कुछ लाल रंग का भी दृष्टिगोचर होगा। 31 जनवरी को साल के पहले चंद्रग्रहण का आप पर कैसा होगा प्रभाव...

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखें तो ग्रहण के समय चन्द्रमा का लाल रंग का दिखाई देना धरती पर क्षत्रियों (आधुनिक परिपेक्ष में सेना) को कष्ट देता है तथा धरती पर हिंसक घटनाओं व अग्नि-कांड के कारण जान-माल की हानि का सूचक होता है। यह चंद्रग्रहण उत्तर अमेरिका, रूस, पूर्वीयूरोप, मध्यएशिया तथा भारत में भी दिखाई देगा। 

भारतीय समय के अनुसार 31 जनवरी को शाम 6 बजकर 56 मिनट पर बन रही पूर्णिमा की पक्ष कुंडली को इस ग्रहण की कुंडली माना जाएगा जब चन्द्रमा पूर्ण रूप से ग्रसित दिखाई देगा और अंशात्मक गणना से वह ठीक सूर्य के समसप्तक होगा। ग्रहण के समय बनने वाली कुंडली में सिंह लग्न उदय हो रहा है। 

जल तत्व की राशि कर्क में पड़ने वाले ग्रहण के कारण असामान्य रूप से वर्षा होगी तथा हिन्दमहासागर में चक्रवात या बड़े समुद्री तूफान की भी आशंका रहेगी। ग्रहण के समय चन्द्रमा पर पड़ रही शुभ ग्रहों शुक्र और बुध की दृष्टि के कारण शेयर बाजार, सर्राफा (सोने-चांदी), आभूषण और कपड़े का काम करने वालों को लाभ होगा। 

इस बात की संभावना है कि इन क्षेत्रों को बजट में केंद्र सरकार कोई बड़ी रियायत दे। ग्रहण की कुंडली में चन्द्रमा के बाहरवें भाव में होने से देश में विदेशी निवेश को आकर्षित करने की नयी योजनाओं की भी संभावना दिख रही है। बजट में सरकार पर्यटन, रेलवे, होटल व्यवसाय, बैंकिंग आदि क्षेत्रों में विदेशी निवेश को लुभाने के नए रास्ते खोलने का एलान कर सकती है जिससे शेयर बाजार में और तेजी आएगी। 

यह ग्रहण चूंकि कर्क राशि में हो रहा है जिसके विषय में मेदिनी ज्योतिष के प्रसिद्ध ग्रन्थ बृहत्संहिता में कहा गया है कि इस ग्रहण से यादवों, वनवासियों, पहलवानो, मत्स्य (राजस्थान), कुरु (हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश), पांचाल (पंजाब) को पीड़ा होती है तथा आनाज महंगा होता है। माघ महीने में पड़ रहे इस ग्रहण को बंगाल और उड़ीसा के लिए अशुभ माना गया है। 

इन क्षेत्रों में समुद्री चक्रवात के कारण जान-माल की हानि होने की आशंका रहेगी। किसानों के लिए सामान्य रूप से यह ग्रहण शुभ होगा। ग्रहण के बाद होने वाली सामान्य वर्षा आगामी फसल की बुआई के लिए सुखद रहेगी। 

 

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