बजट में तोहफे के साथ झटके भी, जानें 15 अच्छी और 5 बुरी बातें
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया। इसमें आपके लिए कई खुशखबरी है तो झटके भी हैं। टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं होने से नौकरीपेशा लोगों जरूर झटका लगा है, लेकिन सरकार ने 40 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ देकर उनकी निराशा को कम करने का प्रयास किया है। इसके अलावा सरकार ने किसानों, गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए कई राहतों की घोषणा की है। आइए आपको बताते हैं बजट की 15 अच्छी और 5 बुरी बातें… अच्छी बातें
1. नैशनल हेल्थ प्रॉटेक्शन स्कीम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना) के तहत अब 10 करोड़ गरीब परिवारों के लिए सालाना 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा (हेल्थ इंश्योरेंस) का ऐलान किया गया।
2. खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 1.5 गुना वृद्धि।
3. वरिष्ठ नागरिकों को एफडी और पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट पर (50,000 रुपये तक) टीडीएस नहीं देना होगा।
4. रेलवे के लिए 1 लाख 48 हजार करोड़ रुपये का आवंटन। पटरी, गेज बदलने के लिए खर्च किया जाएगा रेलवे को जारी किए गए फंड का बड़ा हिस्सा।
6. मुद्रा योजना के तहत 3 लाख करोड़ रुपये की राशि लोन के तौर पर देने का लक्ष्य।
7. देश में 99 स्मार्ट सिटीज के विकास पर 2.04 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। 19,428 करोड़ रुपये की लागत से 500 शहरों में पेयजल की व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी।
9. 70 लाख नए रोजगार देने का सरकार का लक्ष्य।
10. इनकम टैक्स में स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत मिलेगी 40,000 रुपये की छूट।जितनी सैलरी है, उसमें 40,000 रुपये घटाकर टैक्स लगाया जाएगा।
11. उद्योग जगत को बड़ी राहत। 250 करोड़ तक के टर्नओवर वाली कंपनियों पर लगेगा 25 पर्सेंट कॉर्पोरेट टैक्स।
12. ऐसे ब्लॉक जहां आदिवासियों की आबादी 50 प्रतिशत से ज्यादा होगी वहां आदिवासियों के लिए आवासीय एकलव्य स्कूलों की स्थापना की जाएगी। ये स्कूल नवोदय की तर्ज पर आवासीय विद्यालय होंगे।
13. 25,000 से ज्यादा फुटफॉल वाले स्टेशनों में स्केलेटर्स लगेंगे। सभी रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों को वाई-फाई और सीसीटीवी से लैस करने की तैयारी।
15. गांवों में इंटरनेट के विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये। गांवों में बनेंगे 5 लाख हॉटस्पॉट। डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के लिए 3037 करोड़ रुपये का आवंटन होगा।
क्या बुरा हुआ
1. इनकम टैक्स दर में कोई बदलाव नहीं। मिडिल क्लास को टैक्स स्लैब में बदलाव या छूट सीमा में वृद्धि की उम्मीद थी।
2. सरकार ने वित्तीय घाटे को 2018-19 के लिए जीडीपी के 3.5 फीसदी तक बढ़ाने का विकल्प चुना। अधिक वित्तीय घाटा सरकार की विश्वसनीयता और एफडीआई आदि के लिए ठीक नहीं।
3. बड़े कॉर्पोरेट्स के लिए टैक्स में कोई कटौती नहीं, जिससे निजी निवेश को बढ़ावा मिलता और नौकरियों के अवसर भी पैदा होते।
4. कस्टम ड्यूटी बढ़ने के बाद मोबाइल, टीवी महंगे होंगे। इसका सीधा असर स्मार्ट फोन और टीवी पर पड़ेगा।
5. सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा सेस को 1 फीसदी बढ़ाकर 3% से 4% कर दिया है। इस बढ़ोतरी की वजह से आपके हर बिल में वृद्धि हो जाएगी।