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बजट 2018: इस बार के बजट में कहां-कहां छिपे हैं टैक्स बचाने के उपाय…

बजट 2018 ने पर्सनल फाइनैंस के कई पहलुओं को छुआ है। घोषणाओं के बाद लोग अब अपने पर्सनल फाइनैंस- बचत, निवेश और करों पर इसके प्रभाव का आकलन कर रहे हैं। आइए, जानते हैं कि आप इस बार की बजट घोषणाओं के अनुरूप ज्यादा से ज्यादा टैक्स कैसे बचा सकते हैं…बजट 2018: इस बार के बजट में कहां-कहां छिपे हैं टैक्स बचाने के उपाय...

स्टैंटर्ड डिडक्शन का फायदा 
बजट 2018 ने चिकित्सा और परिवहन भत्ते के बदले कर्मचारियों के लिए 40,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शनपेश किया है। सरल शब्दों में इसका मतलब है कि आपको वार्षिक परिवहन भत्ता और चिकित्सा प्रतिपूर्ति (ऐनुअल ट्रांसपोर्ट ऐंड मेडिकल रीइंबर्समेंट) छोड़नी है जो क्रमशः 19,200 रुपये और 15,000 रुपये का डिडक्शन बेनिफिट प्रदान करती है। इसका मतलब है कि नई शुरू की गई मानक कटौती से (40,000 रुपये – 34,200 रुपये) यानी सिर्फ 5,800 रुपये का लाभ मिलेगा। डिडक्सन क्लेम करते हुए यह कोई कागजी-कार्रवाई या इसके समर्थन में कोई दस्तावेज पेश करने की आवश्यकता नहीं रहेगी। 

बुजुर्ग माता-पिता से लें मदद 
पिछले कुछ सालों में अस्पताल में भर्ती होने का बिल कई गुना बढ़ गया है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए 80 (डी) के तहत 30,000 रुपये की कर कटौती का लाभ पर्याप्त नहीं था क्योंकि 10 लाख रुपये के कवर के प्रीमियम काफी अधिक थे। अब सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर कटौती लाभ 50,000 रुपये करने का प्रस्ताव रखा है। 

10 लाख रुपये के कवर के लिए वरिष्ठ नागरिक को एक पर्सनल इंश्योरेंस पॉलिसी लेने में लगभग 35,000 रुपये से 40,000 रुपये (आयु सीमा 61-64 वर्ष) खर्च करने पड़ सकते हैं और यह उम्र बढ़ने के साथ-साथ बढ़ सकता है। इस प्रकार, 50,000 रुपये के डिडक्शन बेनिफिट से बुजुर्ग करदाताओं को काफी फायदा होगा। यदि आप अपने माता-पिता की ओर से स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान करते हैं, तो यह अब 20,000 रुपये (50,000 रुपये – 30,000) तक का अडिशनल डिडक्शन बेनिफिट दे सकता है। इसका मतलब है, अगर आप 30% के टैक्स ब्रैकिट में आते हैं तो आप 20,000 रुपये का 30% यानी 6,000 रुपये तक का अतिरिक्त कर बचा सकते हैं । 

FD/RD पर टैक्स छूट 
बजट 2018 के तहत एक वित्तीय वर्ष में वरिष्ठ नागरिकों द्वारा सावधि जमा/आवर्ती जमा (फिक्सड डिपॉजिट/रेकरिंग डिपॉजिट) पर टैक्स बेनिफिट 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने का प्रस्ताव दिया गया है। यह लाभ सभी बैंक और डाक विभाग के एफडी/आरडी के लिए उपलब्ध है। यदि आप सावधि जमा से मिले ब्याज पर टैक्स बचाने की योजना बना रहे हैं, तो आप उनके नाम पर सावधि जमा निवेश कर सकते हैं। यह आपके माता-पिता के नाम पर कुल 1 लाख रुपये तक की ब्याज से हुई आमदनी पर टैक्स बचाने में मदद कर सकता है। 

बढ़ी 80 (DDB) लिमिट 

इस बजट में गंभीर बीमारी के इलाज पर टैक्स डिडक्शन लिमिट 60,000 रुपये बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई। यदि आपने अपने बुजुर्ग माता-पिता की गंभीर बीमारी के इलाज पर खर्च किए हैं तो आप 40,000 रुपये के अडिशनल टैक्स डिडक्शन बेनिफिट क्लेम करके अपनी टैक्स लायबिलिटी कम कर सकते हैं। 

LTCG पर टैक्स की वापसी का फायदा 
बजट 2018 में इक्विटी आधारित उपकरणों में निवेश से अर्जित दीर्घावधि पूंजीगत लाभ (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस) पर 10% (इंडेक्स बेनिफिट के बिना) टैक्स लगाने का प्रस्ताव है। एक वित्तीय वर्ष में दीर्घावधि पूंजीगत लाभ के रूप में लाभ की सीमा 1 लाख रुपये है और इस सीमा से अधिक के लिए आपको 10% पर दीर्घावधि पूंजीगत लाभ कर (एलटीसीजी टैक्स) देना होगा। 

एलटीसीजी को 1 लाख रुपये से कम स्तर पर रखने के लिए अपने परिवार के सदस्यों के खातों में स्टॉक खरीदना बेहतर होगा। आप एलटीसीजी के दायरे में आएंगे यदि आप 31 अप्रैल 2018 के बाद शेयर होल्ड करते हैं या बेचते हैं। जैसा कि एलटीसीजी टैक्स जनवरी 2018 से पहले खरीदे गए शेयरों से हुए लाभ पर लागू नहीं होगा। यही फॉर्म्युला इक्विटी म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट के साथ भी लागू होगा। 

प्रधानमंत्री वय वंदना योजना बचाएगी टैक्स 
यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए इन्वेस्टमेंट बेनिफिट प्रदान करता है जो अपने रिटायरमेंट के दौरान नियमित आय (रेग्युलेर इनकम) की तलाश कर रहे होते हैं। इस योजना के तहत 7.5 लाख रुपये तक अधिकतम निवेश की अनुमति है, लेकिन बजट 2018 में अब सीमा बढ़ाकर 15 लाख करने का प्रस्ताव है। इस प्रकार, अब पति और पत्नी मिलकर इस योजना में 30 लाख रुपये तक का योगदान कर सकते हैं। प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत पेंशन के चयन के आधार पर मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक या वार्षिक आधार पर 8% से 8.3% तक के रिटर्न की अनुमति मिली है। 

समझें सरकार का इशारा 
उपर्युक्त घोषणाओं के अलावा, अब सरकार ने एजुकेशन सेस को पहले के 3% से बढ़कर 4% करने का प्रस्ताव किया है। यह टैक्स पेयर्स के कंधों पर अधिक टैक्स का बोझ डाल देगा। सरकार ने निकट भविष्य में लोन ETF लागू करने का भी प्रस्ताव किया है जो निवेशकों को सिक्यॉर रिटर्न का और अधिक विकल्प देगा। हालांकि सरकार ने टैक्स लायबिलिटी को कम करने के लिए कोई नया टूल नहीं दिया है, लेकिन परोक्ष रूप से संकेत दिया है कि यदि आप अधिक टैक्स बचाना चाहते हैं, तो अपने माता-पिता की मदद लें! 

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