उत्तराखंड

उत्तराखंड पुलिस के दारोगा ने काटा सगे छोटे भाई का चालान

‘जब सइयां भए कोतवाल तो डर काहे का।’ इस कहावत से उलट उत्तराखंड में एक दारोगा ने साबित कर दिया कि ड्यूटी से बढ़कर कुछ नहीं होता। उत्तराखंड पुलिस के एक दारोगा ने हेल्मेट न पहनने पर अपने ही छोटे भाई का चालान काटकर एक मिसाल पेश की है। वह भी तब जबकि उनका छोटा भाई खुद उत्तराखंड पुलिस का कॉन्स्टेबल है। यह पूरा घटनाक्रम सोशल मीडिया की सुर्खियों में छाया है। सोशल मीडिया में मंजुल के इस काम की जमकर तारीफ हो रही है।उत्तराखंड पुलिस के दारोगा ने काटा सगे छोटे भाई का चालान

मंजुल रावत जौलीग्रांट पुलिस चौकी में बतौर प्रभारी तैनात हैं। बुधवार की अपराह्न वह चौकी क्षेत्रान्तर्गत आने-जाने वाले वाहनों और उनके कागजातों की रूटीन चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने देखा कि सामने से दो युवक एक बाइक पर सवार होकर उनकी तरफ आ रहे हैं। इन दोनों युवकों ने हेल्मेट नहीं पहन रखे थे। इससे पहले कि मंजुल बाइक सवार युवकों को रुकने का इशारा करते वे खुद ही उनके पास बाइक रोककर खड़े हो गए। 
मंजुल ने गौर से देखा तो बाइक चला रहा युवक और कोई नहीं उनका सगा छोटा भाई मृणाल रावत था, जो रायवाला पुलिस थाने में कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात हैं। मृणाल अपने बड़े भाई मंजुल से मिलने ही वहां आए थे। 

मृणाल कुछ कहते इससे पहले ही बड़े भाई मंजुल ने अपनी ड्यूटी और फर्ज निभाते हुए छोटे भाई के हाथ में बिना हेल्मेट पहने बाइक चलाने के अपराध में चालान का कागज थमा दिया। साथ ही उन्हें उत्तराखंड पुलिस का सिपाही होने के नाते अपने दायित्व के प्रति सजग रहने को कहकर कड़ी फटकार भी लगाई। मृणाल ने सौ रुपये चुकाकर बड़े भाई को दोबारा ऐसी गलती न करने का भरोसा दिलाया। 

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