सुंजवान आर्मी कैंप के हमलावर 4 आतंकी ढेर, 31 घंटे बाद भी ऑपरेशन जारी
जम्मू . जम्मू के सुंजवान में सैन्य शिविर पर शनिवार (10 फरवरी, 2018) तड़के सुबह जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने हमला किया. इसमें दो सैनिक शहीद हो गए. शिविर में घुसे आतंकवादियों ने फैमिली क्वार्टर्स में दाखिल होकर सो रहे लोगों पर गोलीबारी शुरू कर दी. सुरक्षाबलों ने 4 आतंकियों को ढेर कर दिया। 31 घंटे बाद भी ऑपरेशन जारी है। आतंकियों के हमले में सूबेदार मदनलाल चौधरी, हवलदार हबीबुल्ला कुरैशी, एक नॉन-कमीशंड अफसर और 2 अन्य जवान शहीद हो गए।
आतंकियों की फायरिंग में और दो सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए और एक सिविलियन की मौत हो गई है. अब तक इस आतंकी हमले में 6 लोगों की जान चली गई है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में अब तक चार आतंकियों को मार गिराया है. घायलों में एक अधिकारी की बेटी भी शामिल है. अधिकारी ने कहा, स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया है और तलाशी एवं बचाव अभियान अभी भी जारी है. बता दें कि सुंजवान सैन्य शिविर के जवानों को शनिवार तड़के 4:45 बजे आतंकी आर्मी के कैंम्प में घुसे.
सूत्रों के मुताबिक, इन संदिग्धों के आतंकवादी होने का आभास होने पर जवानों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके जवाब में उन्होंने ग्रेनेड फेंके और स्वचालित हथियारों से गोलीबारी की. इसके बाद आतंकवादी जूनियर कमीशंड अधिकारियों (जेसीओ) के आवासीय क्वार्ट्स में घुस गए और एक कमरे में छिप गए.
हमले में घायल लोगों में एक जूनियर सैन्य अधिकारी की बेटी भी है, जो स्कूल की छुट्टियों के दौरान अपने पिता से मिलने आई थी. इस संबंध में जारी बयान के मुताबिक, स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया है. अधिकतर परिवारों को जेसीओ क्वार्ट्स से सकुशल बाहर निकाल लिया गया है, जहां आतंकवादी घुसे थे. आतंकवादियों पर आखिरी हमले से पहले हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि इस अभियान में किसी नागरिक को नुकसान नहीं हो.
सूत्रों का कहना है कि जूनियर कमीशंड अधिकारियों की आवासीय इमारत में आतंकवादियों के सफाए के लिए हर कमरे की तलाशी ली जा रही है. इससे पहले खुफिया रपटों में कहा गया था कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की पांचवीं बरसी पर हमले की साजिश रच रहे थे. अफजल गुरू को नौ फरवरी, 2013 को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी. छिपे हुए आतंकवादियों के सफाए के लिए उधमपुर में सेना के उत्तरी कमान के मुख्यालय से सेना के पैराकमांडाेेेज को लाया गया. इस पूरे अभियान के दौरान वायुसेना सुरक्षाबलों को हवाई चौकसी उपलब्ध कराता रहा.