पीएनबी- फर्जीवाड़े की पूरी रकम के लिए हम अकेले जिम्मेदार नहीं
पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) शनिवार को मुंबई में होनेवाली बैंकों की मीटिंग में यह दलील देगा कि नीरव मोदी प्रकरण में फर्जीवाड़े की कुल 11,300 करोड़ रुपये की रकम के लिए वह अकेला जिम्मेदार नहीं है। उधर, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने भी इस बात से इनकार कर दिया है कि उसने पीएनबी को दूसरे बैंकों को पेमेंट करने का निर्देश दिया है।
पीएनबी का तर्क लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (LOUs) की वैधता अवधि को लेकर होगी कि ये लेटर्स नीरव मोदी को जारी किए गए थे जिसके आधार पर दूसरे बैंकों ने विदेश में पैसे दिए। अधिकारियों का कहना है कि पीएनबी उन्हीं एलओयू पर अपनी देनदारी मानेगा जिसके जारी होने के 90 दिनों के अंदर पैसे दे दिए गए थे। इस आधार पर 40% से 50% रकम ही पंजाब नैशनल बैंक के हिस्से आएगी। बाकी के एलओयू पर 50% से 60% तक की रकम जारी की गई थी। ऐसा नियमों का उल्लंघन करके किया गया था।
इन अधिकारियों का कहना है कि पीएनबी को वित्त मंत्री (अरुण जेटली) का समर्थन मिल रहा है जिनका नजरिया है कि दूसरे बैंकों को गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए था। अधिकारियों में एक ने कहा, ‘जांच पूरी होने दीजिए। वैसे भी सभी अंडरटेकिंग्स के पेमेंट आज ही नहीं होने हैं।’ उन्होंने कहा कि पीएनबी ने संबंधित बैंकों को बता दिया है कि कुछ एलओयूज के आधार पर जुलाई के आखिर तक पेमेंट हो जाना चाहिए था।
इधर, आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि उसने पीएनबी को एलओयूज के आधार पर दूसरे बैंकों को पेमेंट करने को नहीं कहा है। अपनी वेबसाइट पर जारी एक रिलीज में केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘मीडिया में खबरें आ रही हैं कि पंजाब नैशनल बैंक में उजागर हुए 1.77 अरब डॉलर के फर्जीवाड़े को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पीएनबी से कहा है कि वह लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के तहत अपनी जिम्मेदारियां निभाए। आरबीआई इस तरह के निर्देश दिए जाने की खबरों का खंडन करता है।’