नई दिल्ली : ‘व्हाट्सएप्प’ ने अपने ऐंड्रॉयड बीटा टेस्टर्स के लिए एक और अपडेट रिलीज किया है। फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप्प ने अपने ऐंड्रॉयड बीटा वर्जन 2.18.74 के लिए एक अडेप्टिव लॉन्चर आइकन लॉन्च किया है। यह फीचर ऐंड्रॉयड ओरियो ऑपरेटिंग सिस्टम का पार्ट है। यह नया आइकन एक एनकेज्ड मास्क के भीतर दिया गया है, जो शेप आप अपनी इच्छा के अनुसार चुन सकते हैं। यह नया आइकन पुराने व्हाट्सएप्प आइकॉन की तरह ही है। कंपनी का कहना है कि अगर यूजर इन आइकन्स को सपॉर्ट करने वाले लॉन्चर का इस्तेमाल करते हैं तो वह स्क्वेयर, स्क्वेयर सर्कल, सर्कल, राउंडेड स्क्वेयर या टीयर ड्रॉप जैसी डिफॉल्ट शेप का चुनाव कर सकते हैं। अगर आप बीटा टेस्टर हैं और आपको अभी तक यह अपडेट नहीं मिली हैं तो आप इसका बीटा वर्जन गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।
इसके आलावा व्हाट्सएप्प ने भारत में यूपीआई आधारित पेमेंट फीचर लॉन्च किया है। कंपनी ने अभी यह फीचर ऐंड्रॉयड और आईओएस पर कुछ खास लोगों के लिए ही जारी किया है। नए फीचर में कैमरा आइकन के पास में अटैचमेंट बटन पर क्लिक करके पेमेंट का ऑप्शन यूजर्स को मिलेगा। आइकन में टैप करके उपभोक्ताओं को बैंकों की लिस्ट दिखेंगी जहां से वे अपना बैंक सिलेक्ट कर सकते हैं। इसके बाद यूजर खुद को वेरिफाई करने के बाद ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। बैंकों के अलावा यह ऐप एयरटेल पेमेंट बैंक को भी सपॉर्ट करता है।
गौरतलब है, व्हाट्सप्प जाना-पहचाना और सबकी जुबान पर रहने वाला नाम। एक ऐसा मेसेजिंग ऐप्लिकेशन जिसे दुनियाभर में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता है। व्हाट्सएप्प मुश्किल में पड़ गया है और इस मुश्किल की वजह है ब्लैकबेरी। वही, जो अब से कुछ साल पहले अपने क्वार्टी स्मार्टफोन के लिए जानी जाती थी। ब्लैकबेरी एक बार फिर सुर्खियों में है। लेकिन, किसी स्मार्टफोन या किसी नई तकनीक के लिए नहीं बल्कि फेसबुक पर मुकदमा दर्ज करवाने के लिए। ‘ब्लैकबेरी’ ने फेसबुक पर मेसेंजर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप्प के लिए अपनी पेटेंट तकनीक की चोरी का आरोप लगाया है। ब्लैकबेरी का कहना है कि सोशल मीडिया दिग्गज पर अपने लोकप्रिय इंस्टेंट मेसेजिंग ऐप्लिकेशंस में ब्लैकबेरी की तकनीक इस्तेमाल कर रही है। साल 2000 के आसपास ‘ब्लैकबेरी’ का मेसेंजर ऐप्लिकेशन ब्लैकबेरी मेसेंजर बेहद लोकप्रिय था। अब ब्लैकबेरी का कहना है कि फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप्प अब ब्लैकबेरी द्वारा डिज़ाइन की गईं तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। कंपनी ने एक बयान में कहा, हम कड़े दावे के साथ कह सकते हैं कि फेसबुक ने हमारी इंटलैक्चुअल प्रॉपर्टी की चोरी की है। ब्लैकबेरी चाहती है कि फेसबुक अपना प्राइमरी ऐप बंद कर दे। इतना ही नहीं, कंपनी का यह भी कहना है कि फेसबुक मेसेंजर, वर्कप्लेस चैट, व्हाट्सएप्प और इंस्टाग्राम को भी बंद किया जाए। ब्लैकबेरी के अनुसार, फेसबुक ने कई सारे फीचर्स चुराए हैं। इनमें इनबॉक्स में मल्टीपल इनकमिंग मेसेज, किसी आइकन के ऊपर अनरीड मेसेज इंडिकेटर दिखाना, फोटो टैग सिलेक्ट करना और अब हर मेसेज में टाइमस्टैम्प शो करने जैसे फीचर्स शामिल हैं। फेसबुक के डेप्युटी जनरल काउंसिल, पॉल ग्रेवाल ने ब्लैकबेरी के इन आरोपों पर कहा, ब्लैकबेरी के मेसेजिंग बिजनस के मौज़ूदा स्तर से इन आरोपों की वजह साफ होती है। कुछ नया खोजने की जगह अब ब्लैकबेरी दूसरे के इनोवेशन पर टैक्स लगाने के लिए जोड़-तोड़ कर रही है। हमारा इरादा जंग लड़ने का है। हालाँकि अभी ब्लैकबेरी ने किसी आधिकारिक आंकड़ों की जानकारी नहीं दी है, लेकिन अपने नुकसान की भरपाई के लिए कुछ राहत चाहती है। वहीँ फेसबुक भी जंग लड़ने की तैयारी कर चुकी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों कंपनियों की कानूनी लड़ाई क्या रुख तय करती है।
बीते साल 2017 में ब्लैकबेरी ने फिनलैंड की कंपनी नोकिया के खिलाफ एक पेटेंट केस दर्ज कराया था। ब्लैकबेरी ने नोकिया पर करीब दर्जन भर तकनीकों को बिना अनुमति के इस्तेमाल करने के आरोप लगाए थे। ब्लैकबेरी ने पिछले साल क्वालकॉम के खिलाफ चल रहे एक एक रॉयल्टी पेमेंट्स से जुड़ा केस भी जीता था। क्वालकॉम को इस केस में 940 मिलियन डॉलर की रकम चुकाने के बाद समझौता करना पड़ा था।