आधार मामला: पावर प्वाइंट प्रस्तुति के लिए केंद्र ने SC से मांगी मदद
नई दिल्ली । आधार मामले पर केंद्र ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप की मांग की। दरअसल, यूआईडीएआई के सीईओ द्वारा आधार पर कोर्ट में पावर प्वाइंट प्रस्तुति बनाने के लिए केंद्र सरकार ने कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की है ताकि लोगों के सभी आशंकाओं को दूर किया जा सके। केन्द्र ने अनुरोध किया है कि वह आधार से जुड़ी सभी चिंताओं को दूर करने के लिए पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन देने की यूआईडीएआई के सीईओ को अनुमति दे।
इसके बाद अटॉर्नी जनरल ने प्रस्तुति के लिए गुरुवार का दिन सुनिश्चित किया है। अटार्नी जनरल ने बताया, कोर्ट में दो स्क्रीन लगाई जाएंगी और यूआईडीएआई के सीईओ इसके जरिए कोर्ट को आधार को लेकर डेटा प्रेजेंटेशन व अन्य पहलुओं के बारे में बताएंगे। अटार्नी जनरल के अनुसार, चार घंटे की बहस की बजाए सीईओ इस प्रेजेंटेशन को एक घंटे में समझा सकते हैं।
सरकार ने कई तरह की योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार को बैंक अकाउंट से लिंक करना जरुरी कर दिया था। आधार को बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड, इंश्योरेंस, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, पीपीएफ, किसान विकास पत्र, म्युचुअल फंड, एलपीजी सबसिडी, पैन कार्ड और मोबाइल नंबर से जोड़ना जरुरी है।
बीते दो महीने से आधार को लेकर कई पक्षों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बहस चल रही है। खासतौर पर बायोमीट्रिक डेटा एकत्र करने के चलते निजता का उल्लंघन होने को लेकर चिंता जताई जा रही है।
आधार मामले में याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि आधार नागरिक के निजता के अधिकार का हनन करता है। नौ जजों के निजता पर फैसले के बाद सरकार को आधार के लिए डेटा और सूचना मांगने का कोई अधिकार नहीं है। आधार के लिए डेटा इकट्ठा करने की प्रक्रिया सुरक्षित नहीं है।