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लखनऊ : आज पृथ्वी के लोग विश्व जल दिवस मना रहे हैं। इस मौके पर सेंटर फॉर साइंस एंड इंवायरनमेंट ने विश्व जल दिवस से ठीक पहले दुनिया भर के तमाम देशों को आगाह किया है। मिली जानकारी के अनुसार दुनिया के 200 शहर और 10 मेट्रो सिटी ‘डे जीरो’ की ओर बढ़ रहे हैं। डे जीरो का मतलब होता है वह दिन जब से पानी आना बंद हो जाएगा। एक रिपोर्ट में बेंगलुरु को भारत का केपटउन बताया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार केपटाउन की ही तरह बेंगलुरु शहर में भी तेजी से जलस्तर घट रहा है और कुछ ही सालों में इस शहर में पानी की भयंकर समस्या पैदा हो सकती है।
बेंगलुरु का जल स्तर पिछले दो दशक में 10-12 मीटर से गिरकर 76-91 मीटर तक जा पहुंचा है, साथ ही शहर में बोरवेल की संख्या 30 साल में पांच हजार से बढ़कर 4 .5 लाख हो गई है। एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2031 तक बेंगलुरु की आबादी 3.5 प्रतिशत सालाना वृद्धि दर के साथ 2.03 करोड़ हो जाएगी।
सीएसई की निदेशक सुनीता नारायण ने कहा, चाहे केपटाउन हो, बेंगलुरु हो या चेन्नै, इन शहरों में खास अंतर नहीं है। इन सब की समस्या एक है, जरूरी सवाल यह है कि क्या ये शहर एक नया और सुरक्षित भविष्य बना पाएंगे, जहां पानी की समस्या न हो। रिपोर्ट में दी गई लिस्ट में अन्य शहरों में बीजिंग ( चीन), मेक्सिको सिटी ( मेक्सिको), नैरोबी ( केन्या), कराची (पाकिस्तान), काबुल ( अफगानिस्तान) और इस्तांबुल( तुर्की) शामिल हैं। इन शहरों में पानी की उपलब्धता कभी भी खत्म हो सकती है, रिपोर्ट के मुताबिक अगर इन शहरों में पानी नहीं बचाया गया तो केपटाउन की तरह अन्य शहरों में भी यह स्थिति कभी भी आ सकती है।