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यूपी बनेगा कुश्ती का अंतरराष्ट्रीय हब: बृजभूषण शरण सिंह

राज्य सरकार ने कुश्ती के साथ बैडमिंटन को भी गोद लिया

राज्य में अब कुश्ती की सूरत बदलने जा रही है। यहां के प्रतिभाशाली पहलवान भी अत्याधुनिक सुविधाओं और अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग के सहारे दुनिया में अपनी ताकत का अहसास कराएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने तय किया है कि वह कुश्ती और बैडमिंटन को अगले दस साल के लिए गोद लेगी। साथ ही कुश्ती की एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की अकादमी भी लखनऊ में खोलेगी। पहलवानों को हर, वह चीज उपलब्ध करायी जाएगी। जो उनकी ट्रेनिंग में सहायक होगी। यही नहीं नोएडा में कुश्ती की एक ऐसी अकादमी खोली जाएगी जिसमें विदेशी पहलवान भी आकर रहें और ट्रेनिंग करें। कुश्ती के विकास पर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष एवं सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने खास बातचीत में अपनी भविष्य की योजनाओं का खुलासा किया।

राज्य की प्रतिभाओं को निखारेगी कुश्ती अकादमी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले सप्ताह खिलाडिय़ों के सम्मान समारोह में लखनऊ में कुश्ती अकादमी खोलने की घोषणा की थी। बृजभूषण शरण सिंह ने बताया कि इस अकादमी में राज्य के प्रतिभाशाली बालक एवं बालिका पहलवानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग दी जाएगी। उनके रहने और भोजन की भी व्यवस्था की जाएगी। यही नहीं उत्तर प्रदेश ठीक उसी तरह कुश्ती को गोद लेगा जिस तरह ओडिशा ने हॉकी को लिया है। कुश्ती महासंघ की कोशिश रहेगी कि अकादमी में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं हों।

अवध बिहार में जमीन चिन्हित

कुश्ती अकादमी के लिए बृजभूषण शरण सिंह ने अरसे पहले आवास विकास की अवध बिहार योजना में दो एकड़ भूमि देखी है। उन्होंने कहा कि सरकार अकादमी बनाकर देगी। वह अवध बिहार वाली भूमि पर बनाती है या अन्य कहीं, यह उस पर निर्भर करता है। जल्द ही वह अकादमी का पूरा खाका तैयार कर सरकार को सौंपेंगे। इसके बाद इस पर काम शुरू हो जाएगा। कुश्ती अकादमी में ट्रेनिंग हाल में कम से कम से चार मैट लगाई जाएंगी। दर्शकों के बैठने की व्यवस्था होगी। ट्रेनिंग के अलावा अकादमी में प्रतियोगिताएं कराने की सुविधा होगी। साथ ही जब राष्ट्रीय कैम्प नहीं लगा होगा तो महिला पहलवान यहां ट्रेनिंग कर सकेंगी।

नोएडा में खुलेगा कुश्ती का अंतरराष्ट्रीय सेंटर

बृजभूषण शरण सिंह ने बताया कि उनका सपना नोएडा में ऐसा कुश्ती सेंटर स्थापित करने का है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर का है। इस संबंध में उनकी सरकार से बाचचीत हो रही है। इस सेंटर में सारी सुविधाएं अंतरराष्ट्रीय स्तर की होंगी। अच्छे देशी और विदेशी प्रशिक्षक होंगे। जिस तरह भारतीय पहलवान विदेश में ट्रेनिंग करने जाते हैं ठीक उसी तरह विदेशी पहलवान यहां ट्रेनिंग करने आएंगे। इस अकादमी का मोटा-मोटा खाका तैयार कर लिया गया है।

जगह दिखाओ मैट कुश्ती संघ देगा

बृजभूषण शरण सिंह ने बताया वह कस्बों और जिलों में कुश्ती को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने एक योजना शुरू की है कि जगह दिखाओ और कुश्ती मैट वह उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने इस योजना के तहत देश भर में पचास से ज्यादा मैट उपलब्ध करायी है। उन्होंने बताया क्रिकेट के बाद भारतीय कुश्ती संघ ही है जो ग्रेडिंग के हिसाब से पहलवानों को तीन से 30 लाख रुपये प्रदान करता है। इसके अलावा ओलंपिक बाउण्ड पहलवानों को उन्होंने सभी सुविधाओं के अलावा एक लाख प्रतिमाह जेब खर्च के लिए भी दिए।

पारदर्शिता, निष्पक्षता और अनुशासन है भारतीय कुश्ती की सफलता का राज


उन्होंने बताया कि भारतीय कुश्ती ऊंचाइयां छू रही है। कुश्ती की चयन प्रक्रिया जितनी पारदर्शी है, शायद ही किसी अन्य खेल में होगी। भारतीय टीम का चयन बृजभूषण शरण सिंह खुद अपने सामने करवाते हैं। राष्ट्रीय चैंपियनशिप में पहले चार स्थानों पर आने वाले पहलवानों को राष्ट्रीय कैम्प में जगह मिलती है। राष्ट्रीय कैम्पों में वह भारतीय टीम के चयन के लिए खुला ट्रायल करवाते हैं। जो जीतता है वह भारतीय टीम में शामिल होता है। यही कारण है कि साक्षी मलिक, पूजा ढाण्डा, सोनम, अंशू जैसी पहलवान आगे आईं। बृजभूषण शरण सिंह ने बताया कि कुश्ती में भारत एक बड़ी शक्ति बनकर उभरा है। इसके पीछे चयन प्रक्रिया अन्य मामलों में निष्पक्षता, पारदर्शिता एवं अनुशासन है। अनुशासन से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने पहलवान विनेश फोगाट और युवा पहलवान सोनम पर कार्रवाई का उदाहरण दिया।

लक्ष्य पेरिस ओलंपिक में पांच-छह पदक जीतने का है

बृजभूषण शरण सिंह ने बताया कि इस बार मामूली चूक से भारत के खाते में दो पदक आते-आते रह गए। पर पेरिस में कम से कम दो स्वर्ण समेत पांच पदक का लक्ष्य है। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। दूसरी कतार यानी कैडेट और जूनियर स्तर के पहलवानों पर खास ध्यान दिया जा रहा है। कैडेट में देश के नन्हें पहलवानों ने पहली बार विश्व चैंपियनशिप में चैंपियनशिप जीती। हाल ही में रूस में हुई जूनियर विश्व चैंपियनशिप में भारतीय पहलवानों ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए 11 पदक जीते। भारत कुश्ती में बड़ी ताकत बनकर उभर रहा है। इसका फायदा अगले साल एशियाई खेल, राष्ट्रमण्डल खेलों में देखने को मिलेगा।=

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