कैम्ब्रिज एनालिटिका ने पेश की अपनी सफाई, पढ़ें मामले की पूरी टाइमलाइन
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद करने के लिए करोड़ों फेसबुक यूजर्स का डेटा चोरी करने का आरोप झेल रही कैम्ब्रिज एनालिटिका ने सफाई पेश की है. फर्म की ओर से कहा गया है कि उन्होंने ट्रंप के लिए डेटा का इस्तेमाल नहीं किया गया है. इसके अलावा कंपनी ने इस मामले की पूरी टाइमलाइन भी शेयर की है, उन्होंने समझाया है कि आखिर कब क्या हुआ. यहां पढ़ें पूरी टाइम लाइन…
2013 – कैम्ब्रिज एनालिटिका कंपनी की शुरुआत
अगस्त, 2013 – क्रिस्टोफर वाइल एससीएल इलेक्शन्स के साथ पार्टटाइम तौर पर जुड़ा.
मई, 2014 – Global Science Research के साथ रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया.
जुलाई, 2014 – क्रिस्टोफर ने हमारे साथ काम करना बंद कर दिया.
2014 – कंपनी ने क्रिस्टोफर के खिलाफ लीगल एक्शन लिया, कॉन्ट्रैक्ट को तोड़ने का आरोप और इंट्लेक्चुअल प्रॉपर्टी को चुराने का आरोप
अगस्त, 2015 – क्रिस्टोफर वाइल ने आधिकारिक तौर पर बताया कि उसके पास कोई डेटा नहीं है.
दिसंबर, 2015 – द गार्जियन ने जीएसआर डेटा फेसबुक के नियमों के खिलाफ था. जिसके बाद फेसबुक ने हमसे और जीएसआर से संपर्क किया और डेटा डिलीट करने को कहा.
ICO ने हमारे लंदन ऑफिस का दौरा किया, उन्होंने हमसे स्ट्रक्चर, डेटा की जानकारी मांगी.
सितंबर, 2017 – ICO ने हमसे US नेशनल डेटा को UK में प्रोसेस करने को कहा.
अक्टूबर, 2017 – ICO ने हमसे ब्रेक्जिट कैंपेन में काम करने को कहा. हमने उनका साथ दिया.
मार्च, 2018 – ICO ने हमारे सिस्टम के एक्सेस मांगे, कहा कि एक व्हिसल ब्लोअर का दावा है कि हमारे पास अभी भी GSR का डेटा है. हमने उन्हें कहा कि सभी डेटा डिलीट हो चुका है. इस बात की पुष्टि फेसबुक भी करता है. हमने उनसे जीएसआर के साथ सभी बातचीत साझा करने की बात कही.
मार्च, 2018 – फेसबुक ने कैम्ब्रिज एनालिटिका और एससीएल अकाउंट्स को जांच पूरी होने तक सस्पेंड किया. क्रिस्टोफर वाइल का जो इंटरव्यू सामने आया है, वह हमारे साथ किसी भी तरह के संबंध के खत्म होने के 4 साल बाद आया है.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की मदद करने वाली एक फर्म ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ पर लगभग 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स के निजी जानकारी चुराने के आरोप लगे हैं. इस जानकारी को कथित तौर पर चुनाव के दौरान ट्रंप को जिताने में सहयोग और विरोधी की छवि खराब करने के लिए इस्तेमाल किया गया है.