अमेरिका और ब्रिटेन की लोकप्रियता में कमी, भारतीय छात्रों की नई पसंद कनाडा
नई दिल्ली : वीजा नियमों को सख्त कर अमेरिका और ब्रिटेन जहां भारतीय छात्रों की राह मुश्किल कर रहे हैं, वहीं कनाडा ने अपने वीजा नियमों को आसान करने शुरू कर दिए हैं। इसके चलते कनाडा अब भारतीय छात्रों की नई पसंद बनता जा रहा है। बीते एक साल में ही कनाडा में पढ़ाई के लिए जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में करीब 60 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कनाडा ने चीन, भारत, वियतनाम और फिलीपींस देशों के लिए ‘स्टुडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम’ (एसडीएस) योजना की शुरुआत की। इसके अलावा वीजा प्रक्रिया में तेजी के लिए भारत में स्थानीय कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी की और अतिरिक्त आवेदनों को निपटाने के लिए कनाडाई कर्मचारियों की नियुक्ति भी की।
भारतीय छात्रों को मिलने वाले वीजा
वर्ष वीजा
2015 31,945
2016 52,745
2017 83,410
2018 29,055 (अप्रैल तक)
119% बढ़े कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्र 2010-2017 के बीच
20 फीसदी अंतरराष्ट्रीय छात्र बढ़े एक साल में
25 फीसदी छात्रों के साथ भारत चीन (28%) के बाद दूसरे नंबर पर
अमेरिका से सस्ती पढ़ाई
23.85 लाख का सालाना औसत खर्च अमेरिका में पढ़ाई व रहने पर
21.88 लाख का औसतन सालाना खर्च ब्रिटेन में
20.38 लाख का औसतन खर्च पढ़ाई पर कनाडा में
22वें नंबर पर टोरंटो यूनिवर्सिटी दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में
3 विश्वविद्यालय कनाडा के शीर्ष-50 में शुमार
3 नंबर पर है पंजाबी भाषा प्रवासियों की भाषाओं में
1,75,000 से ज्यादा लोग कनाडा में हिंदी बोलते हैं
21 फीसदी तक गुजराती भाषी जनसंख्या में भी बढ़ोतरी
अंग्रेजी भाषा पूरे कनाडा में बोली जाती है।
वहीँ अमेरिका और ब्रिटेन दूसरी तरफ वीजा नियमों में बदलाव कर उन्हें सख्त बनाने में लगे हुए हैं। इससे भारतीय छात्रों के लिए न सिर्फ वहां पढ़ाई करने की राह मुश्किल हो रही है बल्कि भविष्य में नौकरी करने के अवसर भी कम होते दिख रहे हैं।