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सियासत की पिच पर ‘क्लीन बोल्ड’ हुए सिद्धू,

navjot-sidhu_1468837097पूर्व सांसद और क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू सियासत की पिच पर क्लीन बोल्ड होते नजर आ रहे हैं। कुछ समय पहले सिद्धू का बनाया सियासी फ्रंट आवाज-ए-पंजाब टूटकर बिखर चुका है। खुद सिद्धू के पास भी खास विकल्प नहीं बचे हैं। न ही विधानसभा चुनाव से पहले डैमेज कंट्रोल के लिए उनके पास समय बचा है।
सिद्धू ने 18 जुलाई 2016 को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। उसके बाद से आज तक उनके सियासी भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही। पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि भाजपा उन्हें मना लेगी। फिर अचानक एक दिन आम आदमी पार्टी के कन्वीनर अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर सिद्धू के कदम का स्वागत कर दिया। उसके बाद से सिद्धू के आप में जाने की चर्चाएं चलने लगीं, पर हुआ कुछ नहीं। 

सितंबर के पहले सप्ताह में परगट सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्टर पोस्ट किया, जिस पर आवाज-ए-पंजाब लिखा था और सिद्धू, परगट और बलविंदर बैंस व सिमरजीत बैंस की फोटो थीं। परगट सिंह के इस पोस्ट ने नई अटकलों को जन्म दिया। आखिर आठ सितंबर को सिद्धू ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर एक सियासी फ्रंट आवाज-ए-पंजाब लॉन्च किया। हालांकि हैरानी की बात थी कि प्रेस कांफ्रेंस में जहां राज्य सरकार उनके निशाने पर रही, वहीं आप और केजरीवाल भी रहे। सिद्धू ने यहां तक कहा कि केजरीवाल उन्हें डेकोरेशन पीस बनाकर रखना चाहते थे। 

 

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