पीएम मोदी की बुलेट ट्रेन की राह में अब रोड़ा बना गोदरेज
गोदरेज समूह ने हाईकोर्ट में अपील कर आग्रह किया है कि अदालत संबंधित प्राधिकरण से इस परियोजना के प्लान में बदलाव करने को आदेश दे ताकि उसकी इन्फ्रास्ट्रक्चर आर्म गोदरेज कंस्ट्रक्शन की लगभग 8.6 एकड़ जमीन अधिग्रहण से बाहर आ सके। इस अपील पर 31 जुलाई को सुनवाई होने की संभावना है। यह अपील पिछले महीने दाखिल की गई थी।
बता दें कि बुलेट ट्रेन परियोजना के प्रस्तावित स्वरूप के तहत, मुंबई और अहमदाबाद के बीच बिछने वाले 508.17 किलोमीटर लंबे रेल ट्रैक में से 21 किलोमीटर ट्रैक अंडरग्राउंड बिछाए जाने की योजना है। अंडरग्राउंड टनल के एंट्री प्वाइंट्स में से एक गोदरेज की विक्रोली स्थित कंपनी की जमीन में आता है।
यह भी कहा जा रहा है कि यदि गोदरेज समूह का विरोध जारी रहा तो परियोजना से जुड़ी कंपनियों को बुलेट ट्रेन का रास्ता बदलना पड़ सकता है। लेकिन यदि ऐसा नहीं हुआ तो महाराष्ट्र भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत सरकार को जबरन भूमि अधिग्रहण करना पड़ेगा।
किसान भी कर रहे विरोध
गुजरात और महाराष्ट्र के किसान भी बुलेट ट्रेन परियोजना का विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना के अलावा राज ठाकरे की पार्टी मनसे भी परियोजना के विरोध में है।