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आरएसएस ने आडवाणी को सलाह दी पार्टी से खुद को दूर न करें, वर्ना पार्टी बर्बाद हो सकती है

moनई दिल्ली (एजेंसी)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आगामी लोकसभा चुनाव में आडवाणी की भूमिका को अहम बताकर सलाह दी है कि वो पार्टी से खुद को दूर न करें, वर्ना पार्टी बर्बाद हो सकती है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी को ये बात एक कहानी के जरिए समझाई। वे नई दिल्ली में लालकृष्ण आडवाणी की किताब दृष्टिकोण के विमोचन के मौके पर समारोह को संबोधित कर रहे थे। भागवत ने एक महिला की कहानी सुनाई। आडवाणी को पार्टी में महत्वपूर्ण रोल निभाने का आग्रह करते हुए कहा, ‘वहीं रहना..ताकि गांव को आग न लगे। जो भी आपको जीवन में मिलेगा उसका आपको हैप्पी मीनिंग खोजना चाहिए।’ बीते दिन जब आडवाणी के ब्लॉग का संकलन दृष्टिकोण के नाम से जारी हुआ तो समारोह में आरएसएस प्रमुख भी पहुंचे। कहानी के मुताबिक एक गांव में एक महिला गलती से हवन कुंड में थूक देती है लेकिन हवन कुंड की पवित्रता उसके थूक को सोने में तब्दील कर देती है। महिला का पति उस महिला को ये बात किसी को न बताने की नसीहत देता है लेकिन महिला ये बात सहेलियों को बता देती है और पूरे गांव में ये बात फैल जाती है। धीरे-धीरे उस गांव में सारे लोग अमीर होते जाते हैं लेकिन महिला और उसक पति गरीब ही रहते हैं। उन्हें ताने मिलते हैं जिससे परेशान होकर दोनों गांव छोड़ देते हैं लेकिन जैसे ही वे गांव से बाहर निकलते हैं, गांव में आग लग जाती है। तब महिला का पति उससे कहता है कि पूरे गांव के हर परिवार में पाप होता था (हवनकुंड में थूकने का) और सबको सोना मिलता था लेकिन हमारी वजह से गांव बचा हुआ था क्योंकि हम ये नहीं करते थे। हमारे बाहर निकलते ही गांव बर्बाद हो गया। भागवत ने इसके बाद आडवाणी की ओर मुखातिब होकर कहा कि आडवाणी जी राजनीति में हैं। कैसे रहना…वहां रहना और उन्हीं लोगों में रहना ताकि गांव को आग न लगे। भागवत ने अंत में ये भी कहा कि जो भी आपको जीवन में मिलेगा, उसका हमेशा खुशी भरा मतलब खोजना चाहिए। इस चर्चा से संघ प्रमुख ने लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिलने की स्थिति में नए साथियों को जोड़ने के लिए मोदी की जगह आडवाणी को तरजीह दिए जाने के संकेत दिए हैं। लेकिन इस पर भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पुराने सहयोगी जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा है कि आडवाणी के आने से भी अब भाजपा के साथ नहीं जुड़ सकते हैं। वहीं, भाजपा सचिव रामेश्वर चौरसिया ने इस बाबत पूछे गए सवाल पर कहा कि राजनीति में रिटायरमेंट की उम्र नहीं होती। इस बारे में बीजेपी नेता कीर्ति आजाद ने कहा कि आडवाणी जी इस परिवार के मुखिया हैं इस समय। मोहन भागवत जी ने जो बात रखी है वो सही है। घरों से निकलकर बच्चे बाहर निकलते हैं लेकिन मुखिया को अपना रोल निभाना चाहिए। जेडीयू नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि आडवाणी जी की हालत अजीब सी हो गई है। एक तरफ प्यार भी और दूसरी तरफ दुत्कार भी। पार्टी उनकी बात को कितना वजन देती है ये तो मोदी के सिलसिले में साबित हो गया है। इस दफा आरएसएस खुलकर राजनीति में उतरा है। आरएसएस को लगता है कि मोदी के रूप में उनको ऐसा व्यक्ति मिला है कि वो आरएसएस की विचारधारा को जमीन पर उतारेगा। एनसीपी नेता तारिक अनवर ने कहा कि इससे एक बार फिर सिद्ध हो गया कि आरएसएस बीजेपी पर हावी है। अगर वो आडवाणी जैसे बड़े नेता को ऐसे बोलते हैं तो आडवाणी और बीजेपी के लिए शर्म की बात है। ये आडवाणी जी को एक तरह से वार्निंग है। लोकतंत्र में ऐसा नहीं होता है।

 

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