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रिश्वतखोरी के रैकेट को बचाने की कोशिश में हुआ था सीबीआई टीम पर हमला

cbiलखनऊ: इनकम टैक्‍स मुख्‍यालय पर 31 मार्च को हुई सीबीआई रेड और उसके बाद हुई मारपीट की घटना की जांच में अब नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस की जांच में सामने आ रही है कि हमला अधिकारी को बचाने का नहीं, बल्कि मुख्‍यालय में चल रहे रिश्‍वतखोरी के रैकेट को बचाने और अपनी हनक दिखाने का था। मुख्‍यालय में यूनियन के ये सभी पदाधिकारी रैकेट चलाकर अधिकारियों से अपने काम कराने के साथ ही उनसे सुरक्षा दिलाने के नाम पर वसूली करते थे। लेकिन कुछ समय पहले विभाग की दूसरी बिल्डिंग में सीबीआई की कार्रवाई के बाद आईटी के अधिकारियों ने उन्‍हें पैसे देने में एतराज जताना शुरू कर दिया था। इसे खत्‍म करने और सीबीआई के मनोबल को तोड़ने के लिए ही कर्मचारियों ने टीम पर हमला किया।
सीबीआई की टीम के सदस्‍य वहां से भागे नहीं, बल्कि हमलावरों से भिड़े रहे इसलिए उनका पासा उलटा पड़ गया। जांच में यह बात भी सामने आई कि एक अफसर के खिलाफ कार्रवाई होने पर किसी साथी अफसर या अफसरों की यूनियन ने कार्रवाई नहीं की। बल्कि कर्मचारियों की यूनियन के पदाधिकरियों और उनके साथियों ने हमला किया। पुलिस इसी बात की तफ्तीश कर रही है कि ऐसा क्‍यों हुआ। विभाग से जुड़े लोग इस पूरे घटनाक्रम को मुख्‍यालय के रिश्‍वतखोरी के रैकेट को बचाने की नजर से देख रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ समय से सभी नामजद आरोपितों ने काफी तेजी से प्रगति की थी। ये सभी पदाधिकारी अधिकारियों पर यूनियन का दबाव बनाकर उनसे पैसा लेते थे और बदले में उन्‍हें बेफिक्र होकर अपना धंधा चलाने और सुरक्षा का आश्वासन देते थे।

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