अभी-अभी: अमेरिका के कॉल सेंटर घोटाले में भारतीय मूल के 21 लोगों को 20-20 साल की सजा
इसी हफ्ते सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस घोटाले में कुल 21 लोगों को दोषी ठहराया था। कोर्ट ने इन सभी लोगों को अलग-अलग श्रेणी में 4 से 20 साल तक की सजा सुनाई है। इनमें से कई लोगों को उनकी सजा पूरी होने के बाद वापस भारत भेज दिया जाएगा।
अमेरिका के महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) जेफ सेशंस ने कहा कि यह मामला बड़ी धोखाधड़ी का मुकाबला करने के हमारे सतत प्रयासों में आज तक की सबसे महत्वपूर्ण जीतों में से एक है, जिसमें बड़े पैमाने पर अमेरिका के लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका में कॉल सेंटर के नाम पर ऐसे कई अंतरराष्ट्रीय आपराधिक गिरोह चल रहे हैं जो लोगों से झूठ बोलकर, डरा-धमकाकर और वित्तीय योजनाओं का लाभ बताकर बड़े पैमाने पर पैसे ऐंठते हैं। सरकार हमेशा लोगों को इस तरह की टेलीफ्रॉड योजनाओं में न पड़ने की सलाह देती रहती है। इस तरह के कॉल सेंटर्स को भी बंद किया जा रहा है और जो भी इसमें दोषी पाए जा रहे हैं, उन्हें सख्त से सख्त सजा दी जा रही है।
इस मामले में अभियोजन पक्ष का कहना है कि भारतीय कॉल सेंटरों ने बुजुर्गों और कानूनी आप्रवासियों सहित मुख्य रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को धोखा देने के लिए विभिन्न टेलीफोन धोखाधड़ी योजनाओं का इस्तेमाल किया। डाटा ब्रोकर और अन्य स्रोतों से जानकारी प्राप्त कर कॉल सेंटर संचालक अमेरिकी लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। उन्हें फोन कॉल के जरिए डराया-धमकाया जाता है कि अगर उन्होंने सरकार को उनके द्वारा बताए गए कथित धन का भुगतान नहीं किया तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है, फिर उन्हें जेल की सजा काटनी होगी या जुर्माना या फिर उन्हें देश से निर्वासित कर दिया जाएगा।