जलगांव में भाजपा 36 साल बाद खुद के दम पर जीती
मुम्बई : महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण पर हिंसक आंदोलन के कारण प्रचार पर नहीं जाने के बावजूद महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस सांगली और जलगांव दोनों महानगरपालिकाओं में बीजेपी का झंडा फहराने में कामयाब रहे, दोनों जगह भाजपा ने करीब 35 साल बाद जीत हासिल की है, इससे फड़नवीस को खुद को मजबूत करने में बड़ी मदद मिलेगी। इस जीत के बाद भाजपा कार्यकर्ता जमकर जश्न मानते नजर आए, सांगली और जलगांव की जीत भाजपा और सीएम फड़नवीस के लिए बड़े मायने रखती है। दोनों ही महानगरपालिका भाजपा ने बरसों बाद जीती है, वो भी तब जब मराठा बहुल इलाकों में मराठा आंदोलन की लहर चल रही है। साफ है भाजपा का जलवा कायम है, जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि कई सालों बाद मिली यह जीत भाजपा के लिए बहुत मायने रखती है। एनसीपी कांग्रेस की हालत खराब है, इन चुनावोंं के बाद अब भाजपा अपने शत-प्रतिशत लक्ष्य के और करीब पहुंचती जा रही है, जाहिर है शिवसेना को भी इससे बड़ा सबक मिला है।
जलगांव में भाजपा 36 साल बाद खुद के दम पर जीती, अब तक वहां सुरेश दादा जैन की खानदेश विकास पार्टी का कब्जा रहा है, लेकिन भाजपा वहां 75 में से 57 सीटों के साथ बहुमत में आ गई, वहां पर भाजपा से नाराज चल रहे पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे घर से निकले तक नहीं, फिर भी भाजपा जीत गई, यहां बीजेपी से अलग होकर जैन के साथ चुनाव लड़ने वाली शिवसेना को बस 15 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा जबकि कांग्रेस एनसीपी का तो खाता भी नहीं खुला। वहीं, बीजेपी दिवंगत पूर्व मंत्री पतंगराव का किला सांगली भी छीनने में कामयाब रही। सांगली में 78 सीटों में से भाजपा को 41 सीटें मिली, जबकि कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को 35 सीट मिली, अन्य के खाते में दो सीटें आईं और शिवसेना का खाता भी नहीं खुला। इन चुनावों का संदेश साफ है कि भाजपा का परचम लहरा रहा है, शिवसेना अलग होकर भी कुछ खास नहीं कर पाई।