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मरीना बीच पर अंतिम संस्कार क्यों? जाने इसकी ख़ास वज़ह

नई दिल्ली : चेन्नई के कावेरी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. बाहर समर्थकों का तांता लगा था| वो अपने नेता को याद कर रो रहे थे, चिल्ला रहे थे और नारे लगा रहे थे| लेकिन इसी बीच वहां लगे बैरीकेड हटाए जाने लगे, तोड़फ़ोड़ की जाने लगी और पुलिस को हालात काबू करने के लिए काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी| उन सभी समर्थकों की मांग थी कि एम करुणानिधि का अंतिम संस्कार और स्मारक मरीना बीच पर बने| जहां करुणानिधि को दफ़नाया जाना है|

वहीं साल 2016 के दिसंबर में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के समय भी ये सवाल ज़ोर-शोर से उठा था, कि जयललिता का दाह-संस्कार क्यों नहीं किया गया| हलाकि उस समय मद्रास विश्वविद्यालय में तमिल भाषा और साहित्य के रिटायर्ड प्रोफ़ेसर डॉक्टर वी अरासू ने बीबीसी को बताया था, कि इसकी वजह जयललिता का द्रविड़ मूवमेंट से जुड़ा होना था| वहीं द्रविड़ आंदोलन हिंदू धर्म के किसी ब्राह्मणवादी परंपरा और रस्म में यक़ीन नहीं रखता है| जबकि जयललिता से पहले एमजी रामचंद्रन को भी दफ़नाया गया था| उनकी क़ब्र के पास ही द्रविड़ आंदोलन के बड़े नेता और डीएमके के संस्थापक अन्नादुरै की भी क़ब्र है| जयललिता, रामचंद्रन और अन्नादुरै, तीनों का अंतिम संस्कार मरीना बीच पर किया गया| वहीं अब करुणानिधि के समर्थकों की मांग है कि उनका समाधि स्थल भी यही बने| तमिलनाडु सरकार इस बात से इनकार कर रही थी, तभी यह मामला कोर्ट में पहुंचा और फ़ैसला आया कि करुणानिधि का अंतिम संस्कार मरीना बीच पर ही होगा| जबकि राज्य सरकार का कहना था कि करुणानिधि को अन्ना स्क्वेयर पर जगह नहीं दी जा सकती, क्योंकि वहां केवल सीटिंग मुख्यमंत्रियों को जगह दी जाती है और करुणानिधि पूर्व मुख्यमंत्री हैं| वहीं सवाल यह उठ रहा है की, इस जगह में ऐसा क्या ख़ास है |दरअसल, करुणानिधि के समर्थकों की मांग थी कि उनका स्मारक बने और वो भी उनके मेंटर अन्नादुरै की समाधि के बग़ल में, जो मरीना बीच के अन्ना स्क्वेयर पर है| जी हां मरीना बीच, चेन्नई शहर में बना समंदर का कुदरती किनारा है| ये उत्तर में फ़ोर्ट सेंट जॉर्ज से शुरू होता है और दक्षिण में फ़ोरशोर एस्टेट तक आकर ख़त्म हो जाता है| ये क़रीब छह किलोमीटर में फैला है, जो इस देश को सबसे लंबा कुदरती शहरी बीच बनाता है| वहीं यह जगह कई वजह से ऐतिहासिक है| साल 1884 में यहां प्रोमेनेड बना, साल 1909 में यहां देश का पहला एक्वेरियम बना| जबकि आज़ादी के बाद यहां ट्रायंफ़ ऑफ़ लेबर और गांधी की ‘दांडी यात्रा’ वाली प्रतिमा लगाई गई| इसके बाद कामराज और शिवाजी गणेशन का मेमोरियल बनाया गया और हाल में जयललिता का अंतिम संस्कार यहां किया गया था| कुछ समय में उनका स्मारक यहां बन सकता है| वहीं अब करुणानिधि के अंतिम संस्कार की इजाज़त के बाद मरीना बीच पर उनका मेमोरियल बनाने की मांग भी उठ रही है| चेन्नई का मरीना बीच पर्यटकों के पसंदीदा स्थलों में से एक है| यहां लोग मेमोरियल और प्रतिमाएं, मॉर्निंग वॉक, जॉगर्स ट्रैक, लवर्स स्पॉट, एक्वेरियम देखने पहुंचते हैं|

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