श्योपुर। मध्य प्रदेश में भीख मांगकर अपनी तीन बेटियों का पेट भरने वाले रघुवीर सहरिया से इन दिनों बाजार में चलन से दुकानदारों द्वारा अवैध रुप से बंद कर दिए गए एक और दो रुपए के सिक्कों का वजन लेकर उसे चलाने के लिए घूम रहा है। भीख में मिले इन सिक्कों से रघुवीर को अपनी बेटियों का पेट भरने के लिए चक्की से आटा तक नहीं मिल पा रहा है। इससे उसके आगे भूखे मरने की स्थिति निर्मित हो गई है। रघुवीर तो एक बानगी है कमोबेश यही हाल जिले के हर नागरिक और दुकानदार का है। रिकॉर्ड में एक और दो रुपए का सिक्का भारत सरकार द्वारा चलन में जारी बताया जा रहा है। उधर दुकानदारों ने अचानक एक और दो रुपए के सिक्के लेना बंद कर दिया है।
गुरुद्वारे के पास गुमटी में किराने की दुकान चलाने वाले सुरेन्द्र जांगिड़ ने बताया कि, हमसे एक और दो रुपए के सिक्के दुकान पर सामान भेजने वाले एजेंटों ने लेना बंद कर दिया है। इससे मेरे पास दो हजार रुपए के सिक्के एकत्रित हो गए हैं। दुकानदारों से सिक्के लेने से मना करते तो वह डायल-100 पर फोन कर पुलिस बुला लेते हैं। पुलिस हमसे तो सिक्का लेने को कहती है लेकिन, बड़े थोक दुकानदारों व बैंकर्स से कुछ नहीं कहती जो सिक्के नहीं चला रहे हैं। रघुवीर 500 रुपए के सिक्के लिए शुक्रवार पर कलेक्टोरेट पर कलेक्टर के इंतजार में इस उम्मीद के साथ बैठा रहा कि, शायद कलेक्टर साहब उसके सिक्कों को रुपए से बदलने के निर्देश दे देंगे लेकिन, कलेक्टर से रघुवीर की मुलाकात नहीं हो पाई।