खराब मौसम और ईंधन की कमी : पायलट ने 370 यात्रियों की बचाई जान
नई दिल्ली : एयर इंडिया के उड़ान के दौरान विमान में इलेक्ट्रिक खराबी आ गई, मौसम खराब हो गया और फ्यूल भी कम हो गया। हालांकि पायलट ने अपनी सूझ-बूझ से 370 यात्रियों की जान बचा ली। दरअसल, नई दिल्ली से न्यूयॉर्क के जॉन एफ केनेडी हवाई अड्डे के बीच रवाना हुआ एयर इंडिया का विमान दुनिया के सबसे लंबे डायरेक्ट विमानों में से एक है। इस विमान में शुरुआती 15 घंटे बिना किसी परेशानी के गुजरे लेकिन इसके बाद के 38 मिनट पायलट के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहे। इस दौरान विमान के मुख्य चालक कैप्टन रुस्तम पालिया लगाताकर न्यूयॉर्क एटीसी से कह रहे थे, ऑटो लैंड उपलब्ध नहीं है। कई इंट्रूमेंट्स फेल हो गए हैं। इस दौरान वह बेहद शांत रहे, कुछ देर बाद उन्होंने कहा, हम फंस गए हैं, फ्यूल भी नहीं है। इस दौरान मौसम भी लगातार खराब हो रहा था, ऐसे में विमान की सुरक्षित लैंडिंग एक बड़ी समस्या थी। परेशानी यहीं खत्म नहीं हुई दुनिया के सबसे एडवांस्ड विमानों में से एक बोइंग 777-300 के तीनों इंस्ट्रुमेंट लैंडिंग सिस्टम फेल हो चुके थे, इसके बाद कमांडर के पास केवल एक ही रास्ता बचा था कि वह रेडियो अल्टिमीटर और ट्रैफिक कोलिज़न का इस्तेमाल करें और इस दौरान सिस्टम फेलियर से बचे रहें। इस दौरान पायलट ने एटीसी को बताया कि अन्य महत्वपूर्ण उपकरण जैसे ऑटो लैंड, विंडशियर सिस्टम, ऑटो स्पीड ब्रेक और ऑग्जिलरी पॉवर यूनिट्स ने भी काम करना बंद कर दिया है, इसका मतलब था कि प्लेन को मैनुअली लैंड करना पड़ा क्योंकि लैंडिंग में मदद के लिए बनाया गया हर सिस्टम पूरी तरह फेल हो चुका था। खराब मौसम की वजह से पायलट के लिए यह लगभग नामुमकिन हो गया कि वह जॉन एफ केनेडी एयरपोर्ट पर लैंडिंग करवा पाते, इसलिए उन्होंने नेवार्क में प्लेन की लैंडिंग कराने का फैसला किया। लो फ्यूल की वजह पायलट मौसम के ठीक होने तक का इंतजार नहीं कर सकते थे। इसके बाद पायलट ने इंट्रुमेंट लैंडिंग सिस्टम के बिना ही विमान के वर्टिकल और लेटरल नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए विमान की सुरक्षित लैंडिंग कराई।
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