मयंक ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ‘मैं टीवी देख रहा था और न्यूज चैनल पर चयन की जानकारी मिली। अच्छा लगा, लेकिन परेशानी यह थी कि मेरे फोन पर लगातार कॉल आ रहे थे। दरअसल, बोर्ड अध्यक्ष के हमारे कोच अभय शर्मा ने पहले ही बता दिया था कि मेरा चयन हो चुका है, लेकिन मैंने पुष्टि होने का इंतजार किया। मेरा पूरा ध्यान टेस्ट सीरीज पर लगा हुआ है। मैंने अपने माता-पिता से बात की। मेरी मां अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख सकीं।’
युवा बल्लेबाज ने आगे कहा, ‘मैंने कर्नाटक के कप्तान विनय कुमार को भी फोन करके धन्यवाद दिया क्योंकि उन्होंने मेरा काफी समर्थन किया। एक समय था जब रणजी टीम से मेरी छुट्टी होने वाली थी, तब विनय ने मुझ पर भरोसा जताया। अगले ही मैच में मैंने 300 करीब रन बनाए और इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।’ मयंक ने टीम इंडिया में चयनित होने के लिए लंबा इंतजार किया। इतने समय में कैसे सकारात्मक रहे? इसका जवाब उन्होंने दिया, जो आप अगली स्लाइड में पढ़ सकते हैं।
कर्नाटक के बल्लेबाज ने कहा, ‘राहुल भाई ने मुझे कहा कि वर्तमान पर अपना ध्यान केंद्रित करूं। उन्होंने कहा कि मुझे लगातार बेहतर प्रदर्शन करने पर ध्यान लगाना चाहिए और जो होना है, वो होता रहेगा। मेरा हमेशा से विश्वास है कि कड़ी मेहनत का परिणाम जरूर मिलता है। द्रविड़ भाई ने मुझे अच्छा काम करने की सलाह दी और जब वह कहे कि आप सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं तो यह बहुत मायने रखता है।’
बकौल मयंक, ‘हर किसी को मार्गदर्शक के रूप में एक वरिष्ठ की जरूरत होती है और मैं खुशनसीब हूं कि राहुल द्रविड़ हमेशा मेरे लिए खड़े रहे।’ मयंक ने अपने बारे में हो रही आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए क्रिकेट पर ध्यान लगाने के बारे में विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, ‘आपको खराब प्रदर्शन पर लोगों से सुनने को जरूर मिलेगा। मगर यह आप पर निर्भर करता है कि इन्हें किनारे करते हुए शांत रहे और अपना पूरा ध्यान क्रिकेट पर लगाएं।’