चार राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा, आज से आचार संहिता लागू
नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने आज मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम के लिए चुनावी तारीखों का ऐलान किया। चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि 15 दिसंबर से पहले चुनावी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। ईसी ने कहा कि फिलहाल चार राज्यों में ही एक साथ चुनाव कराए जाएंगे, तेलंगाना में कुछ तैयारियां बाकी हैं। इसके कारण यहां चुनाव बाद में कराए जाएंगे। सबसे पहले छत्तीसगढ़ के नक्सली क्षेत्र में 12 नवंबर को चुनाव करवाए जाएंगे।
चुनाव आयुक्त रावत ने कहा कि चुनाव के दौरान…
– आधुनिक EVM और VVPAT का इस्तेमाल किया जाएगा।
– दागी उम्मीदवारों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जाएगा।
– दृष्टिहीन उम्मीदवारों के लिए ब्रेल वोटर पर्ची का इस्तेमाल किया जाएगा।
– उम्मीदवारों को आपराधिक रिकॉर्ड की भी जानकारी देनी होगी।
– 15 दिसंबर से पहले पूरी होगी चुनावी प्रक्रिया
– मतदान की वीडियोग्राफी करवाई जाएगी
– सीसीटीवी से मतदान पर रखी जाएगी नजर
इससे पहले विधानसभा चुनाव की तारीखों को लेकर आज ऐलान की उम्मीद की जा रही थी। निर्वाचन आयोग ने दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। हालांकि पहले कॉन्फ्रेंस का वक्त 12.30 बजे बताया गया था, लेकिन आधे घंटे के अंदर ही चुनाव आयोग की ओर से समय में बदलाव कर दिया गया। माना जा रहा है, इस कॉन्फ्रेंस में आयोग मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तसीगढ़, मिजोरम में चुनाव तारीखों का ऐलान कर सकता है, साथ ही उम्मीद की जा रही है कि इस ऐलान में तेलंगाना भी शामिल हो सकता है, क्योंकि यहां भी हाल में विधानसभा भंग हुई है। आपको बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव 2019 के लिए ये पांच विधानसभा चुनाव काफी अहम हैं। जो भी राजनीतिक दल इन चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करेगा उसको लोकसभा चुनाव में सीधा फायदा मिलने की उम्मीद है। यही वजह है कि भाजपा कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दलों की नजरें इन विधानसभा चुनावों पर टिकी हैं। पांच राज्यों होने विधानसभा चुनाव की बात करें तो इनमें से तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। जबकि मिजोरम में कांग्रेस और तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की सरकार है। कांग्रेस जहां इस चुनाव के जरिये अपने खोए हुए तीनों गढ़ मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में वापसी के लिए जोर लगाएगी वहीं भाजपा अपने किलों को बचाने के लिए जोर आजमाइश करेगी। जहां तक तेलंगाना की बात है तो यहां राज्य का पहला विधानसभा चुनाव है। टीआरएस प्रमुख और सीएम चंद्रशेखर राव ने समय से पहले ही विधानसभा भंग कर इसी साल चुनाव की मांग की थी। यानी सत्ता में जहां टीआरएस है वहीं कांग्रेस यहां दूसरी बड़ी पार्टी के रूप में ताल ठोक रही है। वहीं भाजपा ने भी अपने दम पर लड़ने की बात कही है।