नई दिल्ली: मानसून सत्र में भ्रष्टाचार के मोर्चे पर सरकार और विपक्ष के बीच सियासी जंग जारी है और अब इसकी आग में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के नोटिस ने घी डाल दिया है। दरअसल, ललित गेट और व्यापम घोटाला मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान के साथ ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्रियों वसुंधरा राजे और शिवराज के बचाव में भाजपा ने वाड्रा की टिप्पणी को सियासी हथियार बना लिया है। कांग्रेस के तीखे विरोध के बीच भाजपा ने वाड्रा की टिप्पणी को संसद का अपमान बताते हुए उन्हें सदन में बुलाकर दंडित करने की मांग की है। स्पीकर की ओर से इस मामले में भाजपा सांसद को बोलने का मौका दिए जाने के बाद संसद में विपक्ष ने जबर्दस्त हंगामा किया। कांग्रेस ने वाड्रा के सदन का सदस्य न होने की दलील देते हुए इस नोटिस पर तीखा एतराज जताया और सोनिया भी इस दौरान खासी उत्तेजित दिखी। बता दें कि राबर्ट वाड्रा ने मानसून सत्र शुरु होने से पहले अपने फेसबुक पेज पर लिखा था कि संसद का सत्र शुरु हो गया है और कुछ नेताओं की गंदी राजनीति भी शुरु हो गई। भारत के लोग मुर्ख नहीं है। उन्हें खेद है कि भारत को ऐसे नेता लीड कर रह है।