अभी-अभी: नवजोत सिद्धू ने फिर दिया बड़ा बयान- “दक्षिण भारत से बेहतर है पाकिस्तान”
पूर्व क्रिकेटर और पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का पड़ोसी देश पाकिस्तान का मोह नहीं छूट रहा है। खुशवंत सिंह लिटफेस्ट के लिए शुक्रवार को कसौली पहुंचे सिद्धू ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। लिटफेस्ट के पहले सत्र में चर्चा के दौरान उन्होंने पाकिस्तान की यात्रा को कई मायनों में दक्षिण भारत से बेहतर करार दिया। नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि ‘पाकिस्तान में न भाषा बदलती है और न ही लोग बदलते हैं। जबकि दक्षिण भारत में जाने पर भाषा से लेकर खानपान तक सब कुछ बदल जाता है। आपको वहां रहने के लिए अंग्रेजी या तेलुगु सीखनी पड़ेगी लेकिन पाकिस्तान में ये जरूरी नहीं है।’
सिद्धू ने पाकिस्तान में इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पाक सेना प्रमुख को गले लगाने का राज भी अपने अंदाज में खोला। उन्होंने कहा कि यह झप्पी राफेल डील की तरह नियोजित नहीं थी। यह सब कुछ अचानक ही हुआ। बातचीत के दौरान पाकिस्तान सेना प्रमुख ने सिखों के तीर्थस्थल करतारपुर साहिब कॉरिडोर को खोलने की बात कही। इसके बाद वे अपने आप को रोक नहीं पाए और उन्हें गले लगा लिया।
जलियांवाला बाग टू पंजाब पर बोले सिद्धू
पहले दिन के अंतिम सत्र में पंजाब सरकार में मंत्री और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब के इतिहास व वर्तमान पर अपने विचार रखे। उन्होंने जलियांवाला बाग टू पंजाब विषय पर अपने विचार पेश किए। इस सत्र के दौरान पंजाबी और पंजाबियत पर चर्चा की गई। सिद्धू ने पड़ोसी देश के साथ संबंध सुधारने पर भी अपनी बात रखी।
खुशवंत सिंह लिटफेस्ट के सातवें संस्करण के आगाज पर पूर्व रॉ प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत ने मोदी सरकार की कश्मीर नीति पर सवाल उठाए। चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर में आतंकियों को मारने की संख्या पूरी की जा रही है, लेकिन उसे जड़ से खत्म करने के उपाय नहीं खोजे जा रहे। अब तक करीब 200 आतंकी मारे जा चुके हैं, लेकिन आतंकवाद खत्म नहीं हुआ। भारतीय सेना को भी जानमाल का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। मोदी सरकार की कश्मीर नीति पूरी तरह से फेल साबित हुई है। उन्होंने आतंकवाद को खत्म करने के लिए एक मंच पर आने की जरूरत पर जोर दिया। साथ ही कहा, बातचीत से ही कश्मीर मसला हल हो सकता है। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक पर जश्न मनाकर सरकार राजनीतिक लाभ के लिए सेना का इस्तेमाल कर रही है।
पूर्व रॉ प्रमुख ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की नीति सबसे बेहतर थी। उन्होंने कहा कि सरकारें खुफिया जानकारी को गंभीरता से नहीं लेती हैं। इसी वजह से मुंबई पर 26/11 का हमला हुआ। खुफिया एजेंसियों ने केंद्र सरकार को सितंबर माह में ही इस हमले की जानकारी दे दी थी। उनका कहना है कि अमृतसर में कार्रवाई की गई होती तो विमान को कंधार जाने से रोका जा सकता था। कमांडो कार्रवाई के लिए तैयार थे, लेकिन पंजाब सरकार खूनखराबा नहीं चाह रही थी। जिसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। नेपाल से हाईजैक हुए विमान की खुफिया एजेंसियों को कोई जानकारी नहीं थी। शुक्रवार सुबह 11 बजे कसौली क्लब में शुरू हुए लिटफेस्ट में सीमापार से घुसपैठ, आतंकवादियों की नई पौध और भारतीय जवानों को हो रहे नुकसान के अलावा द पोट्रेट ऑफ केएस पर चर्चा की गई। इस सत्र में रेबा सोम, रॉबिन गुप्ता, भाईचंद पटेल और किश्वर देसाई ने चर्चा में भाग लिया।
वेलेंटाइन डे को कामसूत्र दिवस में बदलने की वकालत
लिटफेस्ट के पहले दिन कामसूत्र पर खुलकर चर्चा हुई। लेखक गुरुचरण दास की पुस्तक द रिडल ऑफ डिजायर में उनके अलावा सीमा आंनद ने चर्चा के दौरान कहा कि कामसूत्र जीवन के आचरण सिखाता है। पुस्तक में कामसूत्र पर जागरूकता भरी जानकारी पेश की गई है। सत्र के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि वे वेलेंटाइन डे को कामसूत्र दिवस में बदलने की वकालत करते हैं। ऐसा करने से लोग इस दिन को एक रोचक विषय पर चर्चा के रूप में मना सकेंगे।
पहले दिन इन्होंने की चर्चा
माजा दारूवाला, प्रेमशंकर झा, ईरा मुखोती, राना साफवी, सीमा मुस्तफा, संजीवा पांडे, बिक्रम ग्रेवाल, विनय टंडन, डॉ. नरेश, मटरीना मार्टिन, अदिति इनामदार, अनुजा चौहान ने चर्चा में हिस्सा लिया।