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एचएएल का वित्तीय वर्ष में 19,400 करोड़ रुपए का टर्नओवर होने का ऐलान

नई दिल्ली। हिन्दुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने 31 मार्च को खत्म हुए बीते वित्तीय वर्ष में 19,400 करोड़ रुपए का टर्नओवर होने का ऐलान किया है। गौरतलब है कि यह बीते वित्तीय वर्ष के टर्नओवर के मुकाबले 6 प्रतिशत ज्यादा है। बीते वित्तीय वर्ष 2017-18 में हिन्दुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड का टर्नओवर 18,284 करोड़ रुपए था। बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, HAL का भारतीय वायुसेना पर 20,000 करोड़ रुपए बकाया भी है। यह बकाया एयरक्राफ्ट की डिलीवरी और उनकी मेंटिनेंस से संबंधित है। सोमवार को हिन्दुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड ने बयान जारी कर बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में कंपनी ने 41 नए एयरक्राफ्ट का निर्माण किया है, जिनमें हेलीकॉप्टर भी शामिल हैं। इसके साथ ही कंपनी ने 98 नए इंजन बनाए हैं और 213 एयरक्राफ्ट्स और 540 इंजनों की मेंटिनेंस का काम भी किया है।

कंपनी आधुनिक तेजस फाइटर जेट का कर रही निर्माणः बता दें कि कंपनी द्वारा तैयार किए गए 41 नए एयरक्राफ्ट्स में 11 सुखोई-30MKI फाइटर जेट, 7 तेजस फाइटर जेट्स, 5 डोरनियर-228 एयरक्राफ्ट, 3 हल्के चीतल हेलीकॉप्टर और 15 एडवांस्ड ध्रुव हेलीकॉप्टर्स का निर्माण शामिल है। हिन्दुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड द्वारा जिन विमानों की मरम्मत का काम किया गया, उनमें 15 सुखोई-30MKI, कई मिराज-2000 और जगुआर फाइटर जेट, ट्रेनर विमान किरण और बड़ी संख्या में हेलीकॉप्टर्स शामिल हैं। HAL भारत के फाइटर जेट की महत्वकांक्षी योजना तेजस मार्क-1 पर भी काम कर रही है। जिसके तहत कंपनी उन्नत श्रेणी के लड़ाकू विमानों का देश में ही निर्माण कर रही है। इसके साथ ही कंपनी ने बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट एचटीटी-40 बनाने का भी दावा किया है, जिसे कि अगल साल तक मंजूरी भी मिल सकती है।

चुनौतियां भी कम नहीं: बीते साल हिन्दुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड को आलोचना का शिकार भी होना पड़ा था। जब वायुसेना और रक्षा मंत्रालय द्वारा कंपनी के कामकाज पर सवाल उठाए गए थे। केन्द्र सरकार द्वारा भी राफेल डील में एचएएल को साझेदार नहीं बनाया गया है। आम तौर पर पैसों के मामले में सक्षम मानी जाने वाली एचएएल कंपनी इन दिनों नगदी की समस्या से भी जूझ रही है। जनवरी में कंपनी ने अपने 29,000 कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए बैंक से करीब 781 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। इसके अलावा कंपनी को हर माह के खर्चों के लिए करीब 1300-1400 करोड़ रुपए की जरुरत होती है। बता दें कि HAL द्वारा बीते 5 सालों के दौरान सरकार को करीब 11,024 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। इनमें से 6,393 करोड़ रुपए इक्विटी स्कीम के तहत और बाकी 4,631 करोड़ रुपए टैक्स के रुप में दिए गए हैं।

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