कार्पेट एक्सपो में बोले पीएम मोदी, कालीन उद्योग में टॉप पर है भारत
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेड इन इंडिया कारपेट को दुनियां का एक बड़ा उभरता ब्रांड बताते हुए कहा कि इसका भविष्य उज्ज्वल है तथा सरकार इस उद्योग से जुड़ी तमाम जरूरी व्यवस्थाएं मजबूत बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। मोदी ने रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पहली बार आयोजित 36वें इंडियन कारपेट एक्सपो का नई दिल्ली से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिये उद्धाटन करते हुए कहा कि गत चार वर्षों में कारपेट निर्यात में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। चार साल पहले 500 करोड़ की तुलना में अब इसका 1600 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित बड़ा लालपुर के पंडित दीन दयाल हस्तकला संकुल में 21 से 24 अक्टूबर तक आयोजित एक्सपो में भाग ले रहे सैकड़ों देशी-विदेशी उद्यमियों एवं बुनकरों को संबोधित करते हुए उन्होंने निर्यात में भारी बढोत्तरी की संभावना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक इसे ढाई गुना बढ़ाकर 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक के आंकड़े तक ले जाना है। इसके लिए सरकार कारपेट उद्योग से जुड़े उद्यमियों एवं श्रमिकों की मदद के लिए अनेक उपाय कर रही है। प्रधानमंत्री ने पर्यावरण के अनुकूल एवं बेहतरीन कारीगरी के कारण दुनियां में भारत के कारपेट उत्पादन का हिस्सा 35 फीसदी है, जिसे आने वाले समय में 50 फीसदी तक ले जाने के लिए प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय कारीगरों द्वारा तैयार कारपेट की मांग दुनियां भर में बढ़ने के कारण इससे जुड़े तमाम लोगों का भविष्य बेहतर दिखाई दे रहा है। साफ है कि जितना कारोबार बढ़ेगा उसका सबसे ज्यादा लाभ भारत के कारीगरों को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार बुनकरों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी के 10 से 50 लाख तक का रिण कम ब्याज पर देने के साथ-साथ उनके बच्चों की पढ़ाई खर्च का 75 फीसदी वहन कर रही हैए जिससे उन्हें आगे बढ़ने के अवसर मिल रहे हैं। इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए भदोही और जम्मू.कश्मीर के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कारपेट टेक्टनोलॉजी में बीटेक की पढ़ाई की जो व्यवस्था हैए वैसी देश के अन्य शिक्षण संस्थानों में करने का प्रावधान किया जाएगा। इससे बुनकर परिवार से आने वाले बच्चों को काफी लाभ मिलेगा।