जीका वायरस की वजह से बच्चे के सिर का आकार हो रहा है छोटा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि राजस्थान में जीका वायरस जनित रोग का संबंध सिर का विकास सामान्य से कम होने यानी माइक्रोसेफली से नहीं पाया गया है. बता दें, माइक्रोसेफली जन्मजात विकृति है, जिसमें बच्चों के सिर का विकास सामान्य से कम होता है यानी सिर का आकार काफी छोटा होता है.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “जीका वायरस जनित रोग के एडवांस्ड मॉलिक्यूलर स्टडीज में बताया गया है कि राजस्थान में वर्तमान में जीका वायरस से प्रभावित मरीजों में माइक्रोसेफली और एडीज मच्छर में पाए जाने वाले जीका वायरस का संबंध नहीं है.”
मंत्रालय ने कहा कि इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने जयपुर में इसके प्रकोप के अलग-अलग समय पर जीका वायरस के पांच नमूनों से नतीजा निकाला. जयपुर में जीका वायरस के प्रकोप में 135 लोग प्रभावित हुए हैं.
हालांकि, सरकार जीका वायरस से गर्भवती महिलाओं पर होने वाले खतरों की संभावना की निगरानी कर रही है, क्योंकि यह रोग भविष्य में अलग रूप ले सकता है या कुछ अन्य अज्ञात कारक माइक्रोसेफली में भूमिका निभा सकता है और अन्य जन्मजातविकृति हो सकती है.
मंत्रालय ने आगे कहा कि रोजाना के आधार पर हालात की समीक्षा की जा रही है. अब तक जीका वायरस के लिए करीब 2,000 नमूनों की जांच की गई है, जिनमें से 159 पॉजिटिव मामलों की पुष्टि हुई है.