अभी-अभी: आलोक वर्मा का जवाब लीक होने पर भड़के CJI, और टाल दी 29 तक सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में आज केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर 29 नवंबर तक सुनवाई टल गई. इससे पहले कोर्ट में तीखी बहस भी देखने को मिली और चीफ जस्टिन रंजन गोगोई ने अपनी टिप्पणी में यहां तक कह दिया कि आपमें से कोई भी सुनवाई के लायक नहीं है. सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना और आलोक वर्मा के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बाद दोनों शीर्ष अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया था, जिसके बाद सीवीसी ने कोर्ट को जांच रिपोर्ट सौंपी. सोमवार को वर्मा ने सीवीसी की रिपोर्ट पर जवाब दाखिल किया था.
वहीं, दूसरी तरफ सीबीआई के डीआईजी मनीष कुमार सिन्हा को भी आज सुप्रीम कोर्ट ने पेश होने के लिए कहा है. मनीष कुमार सिन्हा ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और एनएसए व सीवीसी पर विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच में हस्तक्षेप का आरोप लगाया था.
उन्होंने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के.वी. चौधरी ने सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच में हस्तक्षेप किया. अस्थाना पर रिश्वतखोरी के आरोप हैं.
इससे पहले सोमवार को सीवीसी की रिपोर्ट पर आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया. केंद्रीय सतर्कता आयोग इस पूरे केस की जांच कर रहा है, जिसने अपने रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. इस रिपोर्ट पर ही सोमवार को आलोक वर्मा से जवाब मांगा गया था. वर्मा पर भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं.
सीवीसी ने 12 नवंबर को दी थी रिपोर्ट
राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद सीबीआई के कुछ अधिकारियों की गिरफ्तारियां भी की गई थीं. जिसके जवाब में राकेश अस्थाना ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ ही करप्शन के आरोप लगाए थे. सीबीआई के दोनों बड़े अधिकारियों के बीच पनपे इस विवाद के बाद केस की जांच सीवीसी को सौंपी गई थी और 23 अक्टूबर को दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया था. केंद्र सरकार ने तर्क दिया था, दोनों अधिकारियों के पद पर रहते हुए निष्पक्ष जांच न होने की आशंकाएं हैं, जिसके चलते दोनों को छुट्टी पर भेजना का निर्णय लिया गया है.
हालांकि, छुट्टी के आदेश के तुरंत बाद आलोक वर्मा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे. उनकी अपील पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सीवीसी को जांच के लिए दो हफ्तों का वक्त दिया था. सीवीसी ने बीते 12 नवंबर को अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी थी, जिस पर आलोक वर्मा ने सीलबंद लिफाफे में सोमवार को अपना जवाब दे दिया. आज इस मसले पर एक बार कोर्ट में सुनवाई का दिन है, जहां मुख्य तौर पर सीवीसी की जांच रिपोर्ट और उस पर आलोक वर्मा के जवाब को देखा जाएगा.