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गोरखपुर को स्मार्ट सिटी में शामिल नहीं करने से योगी भड़के

yogiलखनऊ (एजेंसी)। भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने स्मार्ट सिटी में गोरखपुर को शामिल नहीं करने को लेकर अखिलेश सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस संबंध में केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू से मुलाकात की और उनसे उ.प्र. में स्मार्ट सिटी चयन प्रक्रिया की जांच की मांग करते हुए गोरखपुर महानगर को भी स्मार्ट सिटी में चयन करने का आग्रह किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश के 1०० शहरों को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त आधुनिक शहर बनाने के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित स्मार्ट सिटी महत्वाकांक्षी योजना है, लेकिन उ.प्र. के लिए स्मार्ट सिटी चयन के लिए जो मानक तय हुए हैं उसमें भारी भेदभाव उ.प्र. शासन द्वारा किया गया है। उसमें गोरखपुर महानगर को छोड़ दिया गया है। जबकि उ.प्र. की कुल आबादी की 4० प्रतिशत से ऊपर जनसंख्या पूर्वी उ.प्र. में निवास करती है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वाराणसी और गोरखपुर पूर्वी उ.प्र. के दो प्रमुख महानगर के रूप से जाने जाते हंै। गोरखपुर महानगर में वर्तमान में लगभग 15 लाख की आबादी निवास करती है और पूर्वी उ.प्र., पश्मिोत्तर बिहार और नेपाल की तराई का एक बड़ा भुभाग समेत लगभग 5 करोड़ की आबादी अपने शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार एवं रोजगार के लिए गोरखपुर पर निर्भर करती है। गोरखपुर में विश्व प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर, सनातन हिन्दू धर्म साहित्य को केन्द्र गीता प्रेस स्थित है। पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय गोरखपुर में है। एयरफोर्स स्टेशन, गोरखा रेजिमेन्ट का सेन्टर, एस.एस.बी. का क्षेत्रीय मुख्यालय के साथ-साथ गोरखपुर प्रदेश का प्रमुख जनपद और कमीश्नरी मुख्यालय भी है। एक मेडिकल कॉलेज, दो विश्वविद्यालय आज के दिन गोरखपुर में हैं। साथ ही अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध परिपथ का केन्द्र बिन्दु भी गोरखपुर है। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक गोरखपुर होते हुए अयोध्या के साथ-साथ नेपाल जाने का भी प्रमुख मार्ग होने के कारण भगवान पशुपतिनाथ जी के दर्शन के लिए जाते हैं। साथ ही भगवान बुद्ध की कर्मस्थली कुशीनगर और जन्मस्थली लुम्बनी और कपितलवस्तु भी गोरखपुर के रास्ते ही जाते हैं। बावजूद इसके स्मार्ट सिटी चयन में गोरखपुर के साथ भेदभाव किया गया है। भाजपा सांसद ने कहा कि उ.प्र. सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी के लिए जो मानक तय किए गए है वे विसंगतिपूर्ण हैं और पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं। उन्होंने शहर विकास मंत्री वेंकैया नायडू से मामले को संज्ञान में लेते हुए गोरखपुर को स्मार्ट सिटी के रूप में शामिल करने की मांग की। इस पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी चयन के लिए कुछ मानक तैयार किए गए थे, उसे राज्य सरकारों को उन मानकों के अनुसार चयन की प्रक्रिया पूरी करके भेजना था। इस सम्बन्ध में उ.प्र. के संदर्भ में जांच करवायी जाएगी।

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