गाजियाबाद: कोलकाता स्थित सेंट्रल लेबोरेट्री ने जिला खाद्य एवं औषधि प्रशासन एफडीए द्वारा यहां मदर डेयरी के अलग अलग बूथ से लिए गए दूध के नमूनों की दोबारा की गयी जांच में उनमें डिटर्जेंट और जमी हुई वसा पायी। कोलकाता की लैब ने कल गाजियाबाद एफडीए को दोबारा किए गए जांच की रिपोर्ट सौंपी। एफडीए के अधिकारी विनीत कुमार ने आज यहां कहा कि लैब के अनुसार ‘फुल क्रीम’ और ‘टोंड’ दूध दोनों के नमूनों में डिटर्जेंट और जमी हुई वसा पायी गयी। उन्होंने कहा कि नमूने पहले मेरठ के स्टेट लैबोरेट्री में जांच के लिए भेजे गए थे जहां उनके खराब गुणवत्ता के होने का पता चला था। लेकिन मदर डेयरी ने जांच की रिपोर्ट को चुनौती देते हुए नमूनों की कोलकाता स्थित सेंट्रल लैबोरेट्री में दोबारा जांच की मांग की थी। अधिकारी ने कहा कि कोलकाता के लैब ने जिला मजिस्ट्रेट विमल कुमार शर्मा को अपनी रिपोर्ट सौंपी जिन्होंने मदर डेयरी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की मंजूरी हासिल करने के लिए उसे आयुक्त के पास भेज दिया। और यह दूध लोगों के स्वास्थ पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। वहीं मदर डेयरी के विपणन प्रमुख संदीप घोष ने कहा कि उन्हें अब तक कोलकाता स्थित लैब की रिपोर्ट नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि दोनों जांच की रिपोर्ट में अंतर हैं जिसे देखते हुए मदर डेयरी उन्हें चुनौती देने के लिए उचित कानूनी मंच का रूख करेगी।
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