नई दिल्ली : प्रदूषण के खिलाफ जंग में दिल्ली सरकार पर एक बार फिर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) का डंडा चला है। एनजीटी ने दिल्ली सरकार पर 25 करोड़ का जुर्माना लगाया है। इस मामले में दिल्ली सरकार की मुश्किल यह है यह हर्जाने की राशि दिल्ली सरकार के खजाने से नहीं, बल्कि सरकारी अधिकारियों की सैलरी से वसूला जाएगा। एनजीटी ने यह भी साफ किया है कि अगर दिल्ली सरकार एकमुश्त राशि जमा नहीं कर सकती तो हर महीने 10 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला जाए। एनजीटी ने यह फैसला पुराने मामले की सुनवाई के दौरान सुनाया है। एनजीटी ने यह पाया कि दिल्ली की सरकार ने पिछले आदेशों का पालन नहीं किया है। इससे पहले दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में का स्तर तेजी से बढ़ने पर एनजीटी ने सख्त कदम उठाया था। सरकार तंत्र के प्रदूषण पर रोक लगाने में कामयाब नहीं होने पर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल) ने अक्टूबर में दिल्ली सरकार पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। दिल्ली की आप सरकार पर ये जुर्माना दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर लगाम लगाने में नाकाम रहने पर लगाया गया था। प्रदूषण से जंग के लिए दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) तो लागू कर दिया गया था, लेकिन उदासीनता बरते जाने के कारण इसका असर नहीं दिखा। आलम यह था कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने जेनरेटर सेट पर प्रतिबंध का नोटिस ही नहीं जारी किया था। इस कारण विभिन्न स्थानों पर जेनरेटर सेट चलते दिखे।