प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसफ की पीठ ने इस मामले में आलोक वर्मा, केन्द्र, केन्द्रीय सतर्कता आयोग और अन्य पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा।
न्यायालय ने जांच ब्यूरो के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना सहित जांच एजेन्सी के अनेक अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शीर्ष अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल से कराने के लिये गैर सरकारी संगठन कामन काज की याचिका पर भी सुनवाई की इसके अलावा, पीठ ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राकेश अस्थाना का पक्ष भी सुना।
आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे। इन दोनों के बीच लड़ाई तेज होने पर सरकार ने केन्द्रीय सतर्कता आयोग की सिफारिश पर वर्मा को निदेशक के अधिकारों से वंचित करते हुये अवकाश पर भेज दिया था।