अपने शिकार को मौत की नींद सुलाने के बाद फिर से उसके अंदर का हैवान जाग जाता था। इसके बाद वो दरिंदा महिला की लाश के साथ बलात्कार करता था, वो भी एक बार नहीं, कई बार।
नई दिल्ली: दुनिया के इतिहास में सीरियल किलिंग की कई खौफनाक घटनाएं दर्ज हैं। जिनमें ‘सीरियल किलर’ ठग बहराम से लेकर निठारी के सुरेंद्र कोली तक अनेकों नाम शामिल हैं। ऐसा ही एक नाम था अमेरिका का थियोडोर रॉबर्ट। वो एक ऐसा कुख्यात सीरियल किलर था, जिसने करीब 3 दर्जन महिलाओं को अपना शिकार बनाया था।
कौन था थियोडोर रॉबर्ट
अमेरिका के कुख्यात सीरियल किलर थियोडोर रॉबर्ट उर्फ टेड का जन्म 24 नवंबर, 1946 को बर्लिंगटन में हुआ था। किशोर अवस्था से ही उसके दिमाग में सेक्स और यौन संबंधों को लेकर जिज्ञासा तेज थी। शायद वही वजह थी कि आगे जाकर वो एक सीरियल किलर बन बैठा। उसने बलात्कार और हत्या के अलावा अपहरण, चोरी और लूट जैसी कई वारदातों को अंजाम दिया।
महिलाओं को बनाता था शिकार
थियोडोर रॉबर्ट उर्फ टेड एक सिरफिरा और सनकी अपराधी था। जो हवस के जुनून में कुछ भी कर जाता था। इसलिए उसके निशाने पर अक्सर महिलाएं होती थीं। उसे उनके साथ दरिंदगी करने में मजा आता था। वो उनके साथ कत्ल और बलात्कार करने की वारदातों का आनंद लेता था। ये उसके लिए किसी नशे की तरह था।
ऐसे करता था वारदात
थियोडोर रॉबर्ट उर्फ टेड पहले किसी महिला या लड़की का अपहरण करता था। फिर उसे सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ बलात्कार की वारदात को अंजाम देता था। कहानी यहीं खत्म नहीं होती थी। उस महिला या लड़की को अपनी हवस का शिकार बनाने के बाद वो बेरहमी के साथ उसका कत्ल कर देता था।
लाश के साथ बलात्कार
अपने शिकार को मौत की नींद सुलाने के बाद फिर से उसके अंदर का हैवान जाग जाता था। इसके बाद वो दरिंदा महिला की लाश के साथ बलात्कार करता था। वो भी एक बार नहीं कई बार, वो ऐसा तब तक करता था, जब लाश सड़ नहीं जाती थी। हालत ये थी कि उसकी हैवानियत की खौफनाक कहानियां पूरे अमेरिका में चर्चित हो गईं थी, उसके नाम तक से लोग डरने लगे थे।
घर में सजा रखे थे महिलाओं के कटे सिर
महिलाएं टेड को सुंदर और आकर्षक बताती थीं। यही वजह है कि वो उन्हें आसानी से अपने जाल में फंसा लेता था। उनके साथ फ्लर्ट करता था और फिर अपने वहशी मंसूबे को अंजाम देता था। बताया जाता है कि उसने अपने घर में 12 से अधिक महिलाओं के सिर धड़ से अलग किए थे। और फिर उन्हें अपने घर में इस तरह रखा था, मानो कोई ट्राफी हो। इस कृत्य से उसके वहशीपने का अंदाजा लगाया जा सकता है।
अमेरिका के कई शहरों में की वारदात
थियोडोर रॉबर्ट ने अपने एक दोस्त निल्सन को बताया था कि उसने पहली बार 1969 में ओसियन सिटी में एक महिला के अपहरण का प्रयास किया था। लेकिन उसने 1971 तक किसी की हत्या नहीं की थी। लेकिन इसके बाद 1974 से 1978 के बीच उसने सात राज्यों में कई वारदात को अंजाम दिया।
1975 में हुआ गिरफ्तार, फिर हुआ फरार
कत्ल की कई वारदातों को अंजाम देने के बाद भी टेड पुलिस की आंखों में धूल झोंकता रहा। लेकिन 16 अगस्त, 1975 को पुलिस ने आखिरकार उसे गिरफ्तार कर ही लिया। लेकिन कोर्ट में सुनावई के लिए जाते समय 7 जून, 1977 को वह पुलिस की हिरासत से भाग निकला। मगर 6 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद 13 जून को पुलिस ने उसे फिर से गिरफ्तार किया। इसके बाद 30 दिसंबर 1977 को वह फिर से फरार हो गया। और फिर 15 फरवरी को दोबारा पकड़ा गया।
अदालत ने दी थी सजा-ए-मौत
अदालत ने 24 जनवरी, 1989 को उस पर चल रहे मामलों की सुनवाई पूरी की कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए उसे समाज के लिए बड़ा खतरा करार दिया और उसे मौत की सजा सुनाई। कोर्ट का फरमान जारी हो जाने के बाद फ्लोरिडा के जेल में थियोडोर रॉबर्ट उर्फ टेड को सुबह 7 बजे इलेक्ट्रॉनिक चेयर पर बिठाकर उसे मौत दे दी गई। उसकी मौत के बाद जेल के बाहर लोगों ने जश्न मनाया था और आतिशबाजी भी की थी।