कोहली और स्मिथ इन दोनों करिश्माई कप्तानों ने 2018 में बटोरीं सुर्खियां
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में साल 2018 में दो करिश्माई कप्तान सुर्खियों में रहे, जिनमें से विराट कोहली ने अपने बल्ले के कमाल से वाहवाही बटोरी, तो ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ पर गेंद से छेड़खानी प्रकरण ने कलंक लगा दिया. ‘खराब दौर’ और ‘औसत प्रदर्शन’ जैसे शब्दों को अपने शब्दकोष से मानो बाहर ही कर चुके कोहली ने 2018 में क्रिकेट के कई रिकॉर्ड अपने नाम किए. इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड से टेस्ट सीरीज हारने के बाद हालांकि कोहली को विदेश में खराब प्रदर्शन का दाग धोने में समय लगा और अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम मजबूत स्थिति में है.
दूसरी ओर स्टीव स्मिथ को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन टेस्ट के दौरान गेंद से छेड़खानी मामले में एक साल का प्रतिबंध झेलना पड़ा. डेविड वॉर्नर पर भी एक साल का और केमरन बेनक्रॉफ्ट पर नौ महीने का प्रतिबंध लगाया गया. ‘हर हालत में जीतने’ की ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की संस्कृति के कारण देश के खेल प्रशासन में भी आमूलचूल बदलाव देखने को मिले. इससे मौजूदा दौर के दो महानायकों स्मिथ और वॉर्नर को भी क्रिकेटप्रेमियों ने अर्श से फर्श पर गिरते देखा .
इससे हालांकि भारत को ऑस्ट्रेलिया में 71 साल में पहली बार सीरीज जीतने का भी मौका मिला है. बल्लेबाजी में कोहली ने 11 अंतरराष्ट्रीय शतक बनाए, जिनमें छह वनडे के और पांच टेस्ट के थे. उन्होंने टेस्ट में 1322 और वनडे में 1202 रन इस कैलेंडर वर्ष में जोड़े.
सेंचुरियन की कठोर पिच हो या बर्मिंघम की सीम लेती पिच या फिर पर्थ की उछालभरी पिच, कोहली के लाजवाब स्ट्रोक्स क्रिकेटप्रेमियों का मन मोहते रहे. इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज में 593 रन बनाकर उन्होंने साबित कर दिया कि इस समय बल्लेबाजी में उनका कोई सानी नहीं.
भारत को इस साल गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह के रूप में ‘एक्स फैक्टर’ मिला. पहले टेस्ट सत्र में 50 विकेट लेने वाले बुमराह की मौजूदगी में भारतीय तेज आक्रमण पिछले कुछ साल में सर्वश्रेष्ठ हो गया है. वह किसी एक नहीं, बल्कि हर प्रारूप में बेहतरीन गेंदबाजी कर रहे हैं.
इंग्लैंड में 2019 में होने वाले विश्व कप के मद्देनजर भारत का फोकस अब सीमित ओवरों के खेल पर होगा. वहीं 1996 की चैम्पियन श्रीलंकाई टीम देश में क्रिकेट को झकझोर देने वाले भ्रष्टाचार को भुलाकर प्रदर्शन को ढर्रे पर लाने की कोशिश में होगी.
पाकिस्तान का ‘कभी अच्छा कभी खराब’ प्रदर्शन का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा. इंग्लैंड ने सीमित ओवरों में शानदार प्रदर्शन करके खुद को विश्व कप के प्रबल दावेदारों में शामिल कर लिया है. इस साल दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स और भारत के गौतम गंभीर ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया .
भारतीय महिला क्रिकेट टीम गलत कारणों से सुर्खियों में रही जब टी-20 विश्व कप सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ सबसे अनुभवी खिलाड़ी मिताली राज को बाहर रखे जाने पर विवाद हुआ. भारत वह मैच आठ विकेट से हार गया. मिताली ने कोच रमेश पोवार और प्रशासकों की समिति की सदस्य डायना एडुलजी पर उनका करियर खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया.
कोच की गोपनीय रिपोर्ट मीडिया में लीक होने और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप के दौर से भारतीय महिला क्रिकेट की सार्वजनिक तौर पर छिछालेदार हुई. एडुलजी और सीओए के सदस्य विनोद राय के बीच मतभेद जारी रहे. बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी पर भी भारत में चल रहे ‘मी टू मुहिम ’ के तहत यौन उत्पीड़न के आरोप लगे.
खराब दौर का सामना कर रहे महेंद्र सिंह धोनी अगले साल विश्व कप में उतरेंगे, तो सभी की नजरें उन पर होंगी क्योंकि अटकलें तेज हैं कि भारत के सबसे चहेते कप्तानों में शुमार ‘कैप्टन कूल’ आखिरी बार भारत की जर्सी में नजर आएंगे.