बिहार : राजग में सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध बरकरार
पटना (एजेंसी)। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सीटों के बंटवारे को लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है। राजग के घटक दलों ने सीट बंटवारे को लेकर भाजपा को एक सप्ताह का समय दिया है। उल्लेखनी है कि अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित लगभग सभी प्रमुख दलों ने चुनाव अभियान शुरू कर दिया है। चुनाव में मुख्य मुकाबला सतारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) गठबंधन और राजग के बीच माना जा रहा है। जद (यू) गठबंधन में तो सीटों का बंटवारा हो चुका है परंतु राजग में इस मुद्दे पर गतिरोध बरकरार है। जद (यू)-राजद-कांग्रेस के महागठबंधन ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है। राजग के नेता पहले महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर विवाद की संभावना जताते थे, परंतु यह स्थिति उलटकर भाजपा के खेमे में आ गई है। भाजपा पर दबाव बनाने के लिए केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने सात दिनों के भीतर सीटों का बंटवारा करने की चेतावनी दी है। सीट बंटवारे को लेकर सहयोगी दलों के तेवर झेल रही भाजपा के नेता इस मसले पर खुल कर तो कुछ नहीं बोल रहे हैं। परंतु भाजपा के एक नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक सितंबर की बिहार यात्रा के बाद सीट बंटवारे पर निर्णय लिया जाएगा। लोजपा अध्यक्ष पासवान ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि सीटों के बंटवारे को लेकर प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान निर्णय लेंगे।
पासवान ने हालांकि कहा है, ‘‘लोजपा और रालोसपा ही नहीं, बल्कि भाजपा के कार्यकर्ता भी जल्द से जल्द सीटों का बंटवारा चाहते हैं।’’ इस बीच राजग के घटक दल रालोसपा के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने आईएएनएस से कहा, ‘‘सीट बंटवारा जितना जल्द हो, उतना ही अच्छा होगा।’’ उन्होंने राजग में सीट बंटवारे को लेकर किसी विवाद की संभावना से इंकार किया।
कुशवाहा भले ही राजग में विवाद की संभावना से इंकार कर रहे हैं, परंतु रालोसपा और लोजपा के प्रदेश स्तरीय नेताओं के बयान कुशवाहा के बयानों की तसदीक नहीं करते। सीटों को लेकर जिस तरीके से कुशवाहा की पार्टी का मन बढ़ा हुआ है, उससे बंटवारा आसान नहीं दिख रहा। बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं। लोजपा और रालोसपा ने भाजपा को 1०2 सीटों पर चुनाव लड़ने की सलाह दी है। लोजपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी 75 सीटें मांग रही है, जबकि रालोसपा 67 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है। इन दोनों दलों की सीटें जोड़ दी जाएं तो संख्या 142 पहुंच जाती है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) भी अब राजग के साथ है। रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार कहते हैं कि पार्टी एक सम्मानजनक समझौता चाहती है। इसे लेकर पार्टी ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। उल्लेखनीय है कि हम और रालोसपा पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने वाली है।इस बीच हम के नेता और पूर्व मंत्री वृषिण पटेल ने कहा है कि भाजपा को 122 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव कहते हैं, ‘‘राजग की एकजुटता को लेकर किसी को गलतफहमी पालने की जरूरत नहीं है। हमारा गठबंधन एकजुट है।’’