26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ता आतंकी डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर राणा का जल्द प्रत्यर्पण हो सकता है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम ने 13 से 15 दिसंबर तक अमेरिका जाकर प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पर बातचीत की है. NIA की टीम की अमेरिकी अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद उम्मीद की जा रही है कि दोनों आतंकी जल्द ही भारत की गिरफ्त में होंगे. फिलहाल दोनों अमेरिका की जेल में बंद है. दोनों खूंखार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा के अंडरकवर एजेंट के तौर पर काम करते थे.
इससे पहले आतंकी हेडली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुंबई की अदालत में पेश हो चुका है. हेडली पाकिस्तानी मूल का अमेरिकी नागरिक और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा का आतंकी है, जबकि तहव्वुर राणा पाकिस्तानी कनाडाई मूल का है और शिकागो में आव्रजन कारोबार चलाता था. वह हेडली का सहयोगी है और उसके साथ मुंबई आतंकी हमले की साजिश में शामिल रहा है. हेडली ने मुंबई हमले के लिए पूरी जानकारियां जुटाईं और पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैय्यबा के आतंकी शिविर में हिस्सा लिया. मुंबई आतंकी हमले से पहले उसने भारत आकर हमले के ठिकानों की रेकी की थी.
हेडली सितंबर 2006 से जुलाई 2008 के बीच पांच बार भारत आया. उसने हमले की ठिकानों की तस्वीरें भी ली थी. मुंबई हमले मामले में 24 जनवरी 2013 को अमेरिका की संघीय अदालत ने हेडली को दोषी करार दिया था और 35 साल की जेल की सजा सुनाई थी. आपको बता दें कि भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में 26 नवंबर 2008 को आतंकी हमला हुआ था.
इस हमले को पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा ने अंजाम दिया था. इस हमले के लिए पाकिस्तान ने अपने फ्रॉग मैन कमांडो के जरिए लश्कर-ए-तैय्यबा के 10 आतंकियों को ट्रेंड किया था. इस बात का खुलासा डेविड कोलमैन हेडली ने भी अपने कबूलनामे में किया था. उसने बताया था कि कैसे मुंबई में आतंकियों को भेजने के लिए पाकिस्तानी सेना ने लश्कर के ‘फ्रॉग मैन’ तैयार किए थे.